शादी का दबाव डाल रही प्रेमिका... प्रेमी ने अलग कर दिया धड़ से सिर, ऐसे खुला राज



उत्तर प्रदेश के नोएडा में उस समय सनसनी फैल गई थी, जब सेक्टर-82 कट के पास एक नाले में महिला का सिर और दोनों हाथ कटी लाश बरामद हुई थी। यह मामला हाई-प्रोफाइल सेक्टर-108 इलाके से जुड़ा था और क्रूरता इतनी थी कि मृतका की पहचान छिपाने के लिए सिर और हथेलियां काट दी गई थीं। पुलिस ने आशंका जताई थी कि हत्या कहीं और की गई और शव को ठिकाने लगाने के लिए नाले में फेंका गया। अब इस मामले में पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया है।
नोएडा : प्रीति का मेरे घर आना-जाना होता था और इसी दौरान हम दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध बन गए। मैं अक्सर उसे पैसे देता था। वह मुझ पर दबाव डालती थी कि मैं अपनी पत्नी को तलाक देकर उससे शादी कर लूं। जब मैंने इंकार किया, तो उसने मुझे बर्बाद करने की धमकी दी। उसने कहा कि जैसे तुमने मेरा जीवन बिगाड़ा, वैसे ही मैं तुम्हारी बेटी के साथ करूंगी। इसके बाद मैंने उसकी हत्या की योजना बना ली। मैं उसे बस में बैठाकर एक रेस्टोरेंट ले गया, जहां हमने साथ में मैगी खाई। वापसी के दौरान बस में ही मैंने गड़ासे से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और उसके दोनों हाथों की हथेलियां काट दीं। फिर उसके कपड़े उतारकर शव को चादर में लपेटा और नाले में फेंक आया। उसके सिर और हथेलियों को दूसरे नाले में फेंकने के बाद मैं घर लौट गया।
नोएडा के रहने वाले मोनू ने अपनी प्रेमिका प्रीति यादव उर्फ प्रीति देवी की हत्या करने की बात कबूल की है। पुलिस को उसकी नग्न और सिर कटी लाश सेक्टर-82 के नाले से बरामद हुई थी। मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने 5000 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले और करीब 1100 वाहनों की निगरानी की। जांच के दौरान आरोपी तक पहुंच बनाई गई। बताया जा रहा है कि 4 नवंबर की रात मोनू ने प्रीति की हत्या की थी, जबकि 5 नवंबर को उसका शव नाले में मिला था।

डीसीपी यमुना प्रसाद के अनुसार, यह मामला एक ब्लाइंड मर्डर था क्योंकि शव का सिर और दोनों हथेलियां गायब थीं। महिला के दोनों पैरों में एक-एक बिछुआ मिला था। जांच के दौरान जानकारी मिली कि नोएडा के सेक्टर-39 थाना क्षेत्र के बरौला गांव की एक महिला लापता है। पुलिस वहां पहुंची और बिछुए दिखाने पर लोगों ने पहचान की कि शव उसी गांव की प्रीति यादव का है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की। घटनास्थल और बरौला गांव के बीच लगे लगभग 5000 कैमरों की फुटेज जांची गई और करीब 1100 वाहनों की ट्रैकिंग की गई, जिसके आधार पर सुराग मिला।
सीसीटीवी फुटेज में एक बस दिखाई दी, जिसका नंबर यूपी-16 KT0037 था। यह बस 4 नवंबर की रात करीब साढ़े आठ बजे घटना स्थल के पास बिना हेडलाइट जलाए गुजरती नजर आई। पुलिस ने वाहन का नंबर ट्रेस कर उसके ड्राइवर के बारे में जानकारी जुटाई। जांच से पता चला कि यह बस राधा स्वामी सत्संग के लिए चलती है और इसे बरौला गांव निवासी मोनू चलाता है। पुलिस जब पूछताछ के लिए उसके घर पहुंची तो वह वहां मौजूद नहीं था। मोनू सोलंकी का घर प्रीति के घर से लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित है।
मोनू के घर जाती थी प्रीति
गांव के लोगों ने बताया कि प्रीति अक्सर मोनू के घर आती-जाती थी। वह बरौला की एक जींस फैक्ट्री में काम करती थी, जहां मोनू की मां भी कार्यरत थी। इसी कार्यस्थल से प्रीति और मोनू की मां के बीच जान-पहचान बनी, जिससे आगे जाकर मोनू और प्रीति के बीच संबंध विकसित हुए। प्रीति धीरे-धीरे मोनू के घर आने-जाने लगी। जब भी वह फैक्ट्री जाती, तो पहले मोनू के घर पहुंचती और फिर उसकी मां के साथ ही काम पर जाती थी। शुक्रवार को पुलिस ने मोनू को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में मोनू ने बताया कि उसे पहले से पता था कि प्रीति शादीशुदा है और अपने पति से अलग किराए के घर में रहती है। मोनू ने स्वीकार किया कि उसने प्रीति से नजदीकियां बढ़ाईं और उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। इसके बाद दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए। मोनू अक्सर उसे बस में बैठाकर इधर-उधर घुमाने ले जाता था। हम दोनों अक्सर रेस्टोरेंट में खाना खाने और फिल्में देखने जाया करते थे। करीब तीन साल से हमारे बीच प्रेम संबंध चल रहे थे और इस दौरान हमारी नजदीकियां बढ़ती चली गईं। जब भी प्रीति को पैसों की जरूरत होती, मैं उसकी आर्थिक मदद करता था। मैं खुद शादीशुदा हूं और मेरे दो बच्चे हैं। इस बात की जानकारी प्रीति को पहले से थी। एक दिन प्रीति ने मुझसे शादी करने की बात कही, लेकिन मैंने बात को टाल दिया। इसके बावजूद वह अपने व्यवहार में खुद को मेरी पत्नी की तरह पेश करने लगी। मेरी सैलरी आने पर वह उसे अपने पास रख लेती थी।
मोनू ने कहा कि धीरे-धीरे वह शादी के लिए दबाव बढ़ाने लगी और हमारे बीच बहसें होने लगीं। मैं उसे समझाता था कि हम केवल रिश्ते में रह सकते हैं, शादी नहीं कर सकते, लेकिन वह हर बार लड़ाई करने लगती थी। पिछले छह महीनों से वह मुझे मानसिक रूप से परेशान कर रही थी। उसने मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था और कई बार मेरी बेटी के बारे में अपमानजनक बातें भी कहती थी। मोनू ने बताया कि इसके बाद मैंने उसकी हत्या करने की योजना बनाई। 4 नवंबर को मैं बस लेकर उसके घर गया। वहीं से गड़ासा लिया और प्रीति को बस में बैठाकर सेक्टर-82 की ओर चला गया। बस की एक सीट के नीचे मैंने गड़ासा पहले से छिपा रखा था। वहां पहुंचकर हमने एक रेस्टोरेंट में खाना खाया। उसने मैगी ली और मैंने पराठा खाया। खाना खाने के बाद हम दोनों घर लौटने के लिए फिर से बस में बैठ गए। रास्ते में जब सुनसान इलाका आया, तो मैंने बस रोक दी। बातचीत के दौरान अचानक मैंने गड़ासा उठाया और उसके गले पर वार कर दिया। वार इतना तेज था कि उसी चोट से उसका सिर धड़ से अलग होकर नीचे गिर गया।
दोनों हथेलियों को काटा
मोनू ने कहा कि हत्या के बाद मैंने सबूत मिटाने के लिए उसके दोनों हाथों की हथेलियां काट दीं ताकि फिंगरप्रिंट पहचान में न आएं। फिर उसके चेहरे पर कई वार किए। इसके बाद मैंने उसके कपड़े उतारकर शरीर को एक चादर में लपेटा और नाले में फेंक दिया। उसके कपड़े, सिर, हथेलियां और घटना में इस्तेमाल गड़ासा एक पॉलिथीन बैग में भरकर गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार क्षेत्र के सूखे नाले में डाल दिए। इसके बाद मैं बरौला लौट आया और बस की सफाई की। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर प्रीति के कपड़े, गड़ासा, बस में बिछी मैट और बस को बरामद किया। फोरेंसिक टीम ने मौके पर जाकर जांच की और साक्ष्य इकट्ठे किए। आरोपी की तलाश के लिए पुलिस ने कुल नौ टीमें गठित की थीं।



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