मन:स्थली एजुकेशन सेन्टर रेवती में खास अंदाज में मनी चाचा नेहरू की जयंती, बच्चों ने खूब मचाया धमाल



भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को विश्वास था कि बच्चे ही किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उनका मानना था कि अगर बच्चों को सही दिशा, शिक्षा और स्नेह मिले, तो वे देश को एक मजबूत भविष्य की ओर ले जा सकते हैं। समय के साथ, बाल दिवस सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि यह बच्चों के कल्याण और शिक्षा के प्रति देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया। चाचा नेहरु के सोच की झलक शुक्रवार को जनपद के उत्कृष्ट विद्यालयों में शुमार मन:स्थली एजुकेशन सेन्टर रेवती में दिखी...
Ballia News : मन:स्थली एजुकेशन सेन्टर रेवती (Manasthali Education Centre Revati) में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की जयन्ती बाल दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ पं. जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण के साथ ही मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस दौरान बच्चों ने जमकर धमाल मचाया।

नौनिहालों ने रैम्प वॉक, फैन्सी ड्रेस का प्रदर्शन करते हुए शमां बांध दिया। वहीं कक्षा 6, 7 एवं 8वीं के छात्र छात्राओं ने म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में शानदार तरीके से भागीदारी की। इसके अलावा बच्चों ने पेपर कप पिरामीड, मोटिवेशनल सॉग, स्टोरी राइटिंग इत्यादि कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में विशेष रूप से शिक्षकों द्वारा नाट्य प्रस्तुति दी गयी, जो बच्चों के लिए प्रेरणादायी रहा। इसके अतिरिक्त ताइक्वांडो में बच्चों ने अपने कला कौशल से मंत्रमुग्ध कर दिया।

विद्यालय के संरक्षक सत्यप्रकाश तिवारी एवं प्रधानाचार्य चन्द्रमोहन मिश्रा ने बच्चों की उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कहा कि यह दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। बच्चों के प्रति उनके प्रेम और स्नेह के कारण उन्हें स्नेहपूर्वक 'चाचा नेहरू' कहा जाता है। वे बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और कल्याण के प्रबल समर्थक थे। उनका मानना था कि बच्चों का विकास ही देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।

कार्यक्रम को सम्पन्न कराने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं में त्रिलोचल परेजा, गीता सिंह, बन्दना त्रिपाठी, एस.एन. पाण्डेय, कुंवर प्रवीण सिंह, नागेन्द्र चौबे, विवके पाण्डेय, अंजली, प्रीति, राहुल, शिवानन्द एवं रजीत तिवारी का विशेष योगदान रहा।






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