संविधान दिवस पर विशेष : ऐसे नहीं कहा जाता, सब देशों में अपना देश महान...
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सांस्कृतिक व धार्मिक,
विविधता का रख ध्यान।
रचा हो जिसने,
भारत का संविधान।
दिया गतिशील देश को,
एक दृढ ढांचा प्रदान।
कोई और नहीं वे,
थे आंबेडकर महान।
पूरी तैयार होने में लगे,
2 वर्ष 11 माह 18 दिन।
किया जब अंगीकार देश ने,
कैसे भूले हम वह पल छिन।
26 नवंबर 1949 को,
संविधान सभा ने किया स्वीकार।
पर 26 जनवरी 1950 को,
किया देश ने अंगीकार।
कानून दिवस भी है एक,
संविधान दिवस का दूजा नाम।
26 नवंबर मनाते इसे,
हर खास व भारतीय आम।
आजाद हूँ की भावना का,
एहसास कराता संविधान।
हर किसी को लगे यह ऐसा,
लिखा हो जैसे विधि का विधान।
मौलिक अधिकार ढाल बनकर,
हमें दिलाते अपना हक।
मौलिक कर्तव्य हमें सजग बनाते,
रहे याद न भूले बेशक।
हम भारत के लोग
करते संविधान को शक्ति प्रदान।
ऐसे नहीं कहा जाता,
सब देशों में अपना देश महान।।
✍️सुनील सागर(स.अ.)✍️
पू मा वि बाँसडीह, बलिया


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