प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करने समेत इन विन्दुओं पर OCDUP ने उठाई आवाज




UP News : सचिव एवं आयुक्त (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) डॉ. रौशन जैकब को पत्र सौंपकर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स उत्तर प्रदेश (OCDUP) ने दवा व्यापारियों के समक्ष उत्पन्न गंभीर परिस्थितियों पर आवश्यक हस्तक्षेप एवं समाधान की मांग किया है। प्रदेश के 1,30,000 दवा व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए कार्यरत प्रादेशिक इकाई ने दवा व्यापार प्रणाली से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों को सचिव एवं आयुक्त डॉ. रौशन जैकब के समक्ष रखा है। इसकी जानकारी BCDA बलिया के अध्यक्ष आनंद सिंह ने दी।
बताया कि, प्रदेश संगठन द्वारा सौंपे गये पत्र में कहा गया है कि वाराणसी की सप्तसागर दवामंडी, जो पूर्वांचल की प्रमुख दवा मंडियों में से एक है। वहां लगभग 15 जनपदों के व्यापारी क्रय-विक्रय करते हैं। एक माह से अत्यधिक छापेमारी और पुलिस कार्यवाही के कारण दुकानदार भयग्रस्त है। परिणामस्वरूप दवा व्यापारी सामान्य व्यापार भी नहीं कर पा रहे हैं। संगठन स्पष्ट रूप से कहना चाहता है कि हम नशे की दवाओं के व्यापार के सख्त खिलाफ हैं। किंतु मौजूदा परिस्थितियों में पुलिस हस्तक्षेप के कारण दवा व्यापारियों का व्यापक उत्पीड़न हो रहा है, जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।
इस सिलसिले में संगठन का शासन से निवेदन हैं कि विभाग द्वारा प्रतिबंधित दवाओं की स्पष्ट लिस्ट जारी की जाए। उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिबंधित दवाओं की स्पष्ट एवं आधिकारिक सूची (FDA/Narcotics/Psychotropic Substances) तुरंत जारी करे। सूची प्राप्त होते ही हम प्रदेश भर में उन दवाओं की बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद करा देंगे। पुलिस हस्तक्षेप को तत्काल रोका जाए, क्योंकि दवा एक अत्यंत संवेदनशील एवं तकनीकी विषय है। पुलिस विभाग को दवाओं, उनके उपयोग तथा कानूनी प्रावधानों का विशेषज्ञ ज्ञान नहीं होता।
इसके परिणामस्वरूप पुलिस मनमाने ढंग से धाराएँ लगाकर मामला दर्ज कर रही है, जिससे दवा व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है। हमारा निवेदन हैं कि सभी जांच केवल विभागीय अधिकारियों (Drug Department) द्वारा Drug & Cosmetics Act, 1940 के अंतर्गत की जाए। पुलिस हस्तक्षेप केवल तभी हो जब विभागीय अधिकारी किसी अपराध की पुष्टि करें। विभागीय जांच में दवा व्यापारी पूरा सहयोग देने को तैयार है।
हमारा प्रत्येक दवा व्यापारी वैध बिल से खरीद करता है। वैध बिल से बिक्री करता है। वैद्य लाइसेंस के तहत व्यापार करता है। यदि किसी व्यापारी ने कोई गलत कार्य किया है, तो OCDUP यह स्पष्ट करता है कि वह ऐसे व्यक्ति का कभी भी समर्थन नहीं करेगा। वह Drug Act 1940 के अनुसार दंड भुगतने का पात्र होगा।
कोल्डरीफ कफ सिरप मामले में वास्तविक जांच हो
सितंबर 2025 में मध्य प्रदेश में Coldrif कफ सिरप में DEG (Diethylene Glycol) की मिलावट से कई मासूम बच्चों की जानें गईं। इस पर DCGI ने तुरंत एडवाइजरी जारी कर जांच एवं बिक्री पर रोक लगाई। आपने भी प्रदेश में जांच के आदेश दिए।परंतु दुखद और खेद जनक है कि कोल्डरीफ मामले की जांच करने की बजाय विभाग ने कोडीन युक्त कफ सिरप पर छापेमारी शुरू कर दी, जबकि यह दवा कानूनी रूप से प्रतिबंधित नहीं है। इस विसंगति के कारण दवा व्यापारियों को अनावश्यक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।
Tramadol और Alprazolam जैसी आवश्यक दवाओं पर स्पष्ट दिशा-निर्देश प्राप्त हों
Tramadol ऑपरेशन एवं तीव्र दर्द में अत्यंत आवश्यक है।Alprazolam मानसिक रोगियों के लिए चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से लिखी जाती है। कुछ असामाजिक तत्व इन दवाओं का दुरुपयोग करते हैं, पर इसके लिए वैध दवा व्यापारियों को वैध बिल और प्रिस्क्रिप्शन पर दवा देने के बाद भी दोषी ठहराना अनुचित है। इसलिए अनुरोध है कि इन दवाओं के लिए स्पष्ट FDA/Narcotics guidelines जारी की जाए। OCDUP नशे के खिलाफ सरकार के साथ है।
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिया गया नारा- "एक युद्ध नशे के विरुद्ध" का OCDUP पूरा समर्थन करता है। हम आश्वस्त करते हैं कि प्रदेश में नशे को कभी भी पनपने नहीं देंगे। अवैध दवा व्यापार के कार्य में लिप्त किसी व्यापारी का हमारा संगठन साथ नहीं देगा, लेकिन वैध व्यापारियों के संरक्षण हेतु सरकार की उचित नीति और स्पष्ट दिशा-निर्देश आवश्यक हैं।
सचिव एवं आयुक्त (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) डॉ. रौशन जैकब को सौंपे पत्र में संगठन के अध्यक्ष दिवाकर सिंह व महामंत्री सुधीर अग्रवाल ने निवेदन किया है कि मुख्यमंत्री जी उपरोक्त बिंदुओं पर त्वरित संज्ञान लेकर पुलिस हस्तक्षेप को रोकने, विभागीय जांच को सुव्यवस्थित करने, प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करने तथा OCDUP के साथ संवाद स्थापित करने के लिए आवश्यक निर्देश प्रदान करें, ताकि प्रदेश में दवा व्यापार की सामान्य व्यवस्था बहाल हो सकें।

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