इंसानियत अभी जिन्दा है : बीएसए बनें जरिया, आजमगढ़ से मुस्कुराते हुए घर पहुंचा बलिया का मुकेश



बलिया : भटकते-भटकते बलिया का एक युवक आजमगढ़ के मार्टिनगंज के गांव कैथोली पहुंच गया था। इधर परिवार वाले उसकी तलाश में जुटे थे, तभी सुखद सूचना मिली। परिवार के लोग आजमगढ़ पहुंचे, तो उन्हें उनका बेटा मिल गया। मार्टिंनगज और बलिया के बीच भटके युवक को अपनों से मिलाने का मुख्य जरिया बनें बलिया बीएसए मनीष कुमार सिंह, उनका परिवार और उनकी टीम। मामला बेरुआरबारी ब्लाक क्षेत्र से जुड़ा है।
आजमगढ़ के मार्टिनगंज के गांव कैथोली में एक युवक भटक रहा था, जो अपना नाम मुकेश, पिता का नाम हीरालाल और घर बेरूआरबारी में पिंडारा बता रहा था। चूंकि मार्टिनगंज का कैथोली बलिया में तैनात बीएसए मनीष कुमार सिंह का गांव है। उधर, बीएसए के बड़े भाई नवीन कुमार सिंह (प्रवक्ता, केवी इंटर कॉलेज) ने गूगल का सहारा लिया तो बेरुआरबारी का जनपद बलिया मिला। यह देख प्रवक्ता नवीन कुमार सिंह ने दूरभाष से बीएसए मनीष सिंह को डिटेल्स के साथ सूचना दी कि यहां एक युवक आया है, जिसकी मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं है।
मामला संज्ञान में आने के बाद इंसानियत का धर्म निभाते हुए बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी बेरुआरबारी वीरेंद्र कुमार को निर्देशित किया कि तत्काल इस संबंध में जानकारी जुटाएं और उनके परिजन को ढूंढ कर वाहन की व्यवस्था कर उस युवक को उनके घर पहुंचाएं। इसी क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी ने उनके गांव का पता लगाकर, उनके पिता से आवश्यक जानकारी लेने के बाद उन्हें मार्टिनगंज, आजमगढ़ रवाना किया। पूरी प्रक्रिया में अनेक शिक्षकों ने सहयोग किया और युवक अपने घर वापस लौट आया।
मुकेश को अपने गांव में पाकर उनके परिवार और गांव में खुशी की लहर फैल गई। मुकेश को अपने गांव और परिवार से मिलाने में बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े हुए नवाचारी शिक्षक उमेश सिंह, जितेंद्र प्रताप सिंह ब्लॉक अध्यक्ष बेरुआरबारी, संजय दुबे, चन्द्रेश्वर पांडेय, ज्ञान प्रकाश आदि ने प्रमुख भूमिका निभाई। इस नेक कार्य के लिए बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी और शिक्षकों का परिवारजनों ने आभार प्रकट किया।

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