बलिया के युवा कवि अभिषेक मिश्रा ने भाई-बहन के अटूट बंधन को समर्पित किया बहना चालीसा, पढ़कर भावविह्वल हो जायेंगे आप

बलिया के युवा कवि अभिषेक मिश्रा ने भाई-बहन के अटूट बंधन को समर्पित किया बहना चालीसा, पढ़कर भावविह्वल हो जायेंगे आप

रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बलिया के युवा कवि "अभिषेक मिश्रा" ने अपनी कलम से एक ऐसी अद्भुत रचना दी है, जो भाई-बहन के रिश्ते की अमर गाथा बन गई है। “बहना चालीसा” न केवल शब्दों का संकलन, बल्कि स्नेह, ममता, त्याग और बचपन की अनगिनत यादों का साहित्यिक मंदिर है। कवि ने दोहों और चौपाइयों के माध्यम से बहन के रूप को देवी स्वरूप में चित्रित किया है। कभी वह मां बनकर संरक्षण देती है, कभी गुरु बनकर राह दिखाती है, तो कभी त्याग की प्रतिमूर्ति बन जाती है।

रक्षा बंधन पर बहना चालीसा को पढ़ते समय पाठक न केवल भावुक होंगे, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई को महसूस करेंगे। यह रचना साहित्य में एक नये प्रयोग के रूप में याद की जाएगी। अभिषेक मिश्रा कहते हैं, मेरे लिए बहन केवल रिश्ता नहीं, बल्कि जीवन का सबसे खूबसूरत आशीर्वाद है। ‘बहना चालीसा’ लिखना मेरे लिए भावनाओं का सबसे बड़ा पर्व था।” रचना में कुल 30 चौपाइयाँ हैं, जिनमें बहन के बचपन, विवाह, ससुराल, भाई के लिए त्याग, राखी का पवित्र बंधन और विदाई के आँसू तक का विस्तारपूर्वक वर्णन है।

बहना चालीसा 

यह भी पढ़े बलिया में गंगा की लहरों ने स्कूल-कालेजों को भी पहुंचाई बड़ी क्षति

॥दोहा॥
स्नेह-सुमन सरसाइ बहै, राखी रस की धार।
मंगल मूर्ति बहन रूप, बंधे प्रेम उपहार॥

यह भी पढ़े बलिया में गड्ढे की पानी बन गई बालक के जान की दुश्मन

अभिषेक वंदन करे, बहना चरणों धार।
तेरे पावन प्रेम से, जीवन हो उजियार॥

चालीसा (चौपाई)

जय बहना स्नेह की रानी।
ममता रूपी जीवन वाणी॥

तेरी महिमा कौन बखाने।
हर रिश्ते में प्रेम जगावे॥

बाल्यकाल में साथ निभाया।
हर मुस्कान में दुख छुपाया॥

बचपन की तू राजकुमारी।
भाई की तू रही सहारी॥

राखी बाँधे रख भाव पवित्रा।
मन में बसती शक्ति चित्रा॥

रूठे तो खुद पास बुलाए।
माँ जैसी ममता बरसाए॥

तू लक्ष्मी बन घर में आए।
भाई के हित द्वार सजाए॥

तेरी हँसी सुखद सुनाई।
मन में शांति करे समाई॥

तेरी आँखें स्वप्न सँवारे।
तेरे आँसू दुख सब मारे॥

तू ही शक्ति, तू ही पूजा।
तू ही सेवा, तू ही दूजा॥

तेरे बिना घर सूना लागे।
भाई का रोया मन जागे॥

सावन लाया राखी-प्रीत।
तेरे बिना सब है अतीत।।

तेरी बातें हैं शीतल छाया।
दुख के बादल भी मुस्काया॥

भाई को जो संकट घेरे।
बहना उसकी ढाल सवारे॥

भाई बीमार हुआ जो भारी।
बहना रखे उपवास तुम्हारी॥

तेरे हाथों का हर निवाला।
माँ के लड्डू सा रसवाला॥

तेरे आँचल की वो छाया।
सब संकट से दे बचाया॥

कभी बहन माँ बन जाए।
कभी गुरु बन राह दिखाए॥

त्यागी रूप, सरलता भारी।
हर रूप में बहना न्यारी॥

तेरा नाम जपे जो प्राणी,
सुख बरसे घर-आंगन सारा॥

तेरे बिना सूने त्योहार।
मन ना माने, ना हो बहार॥

तू ससुराल में राजदुलारी।
बाबुल घर की तू उजियारी॥

बचपन में तू संग बतियाए।
अब दूरी पर अश्रु बहाए॥

हर जन्म में तू साथ निभाना।
बहन बन हर बार तुम आना॥

तू ही श्रद्धा, तू ही भक्ति।
तेरे बिना न पूर्ण शक्ति॥

अश्रु भी तेरे अमृत बनते।
हर शब्दों में गीत जपते॥

हर मन में तू दीप जलाए।
तेरे बिन स्नेह न आए॥

भाई बोले दिल से प्यारा।
मेरी बहना, तुझपे न्यारा॥

बहना चालीसा जो जन गावे।
भाई-बहन सुख-फल पावे।।

द्वेष मिटे, हो प्रेम अपारा।
संग रहे खुशियों का धारा॥

समापन दोहा

बहना चालीसा गाए जग, अभिषेक की वाणी।
हर बहन में देखे वो, ममता की बलिदानी॥

अभिषेक वंदन करै, बहना चरणन पाय।
राखी बंधन अमर रहे, जग में प्रेम समाय॥

बोलो सब बहना चालीसा की जय।
बोलो सब बहना महारानी की जय॥

कवि परिचय
बैरिया, बलिया के छोटे से गाँव चकिया में जन्मे और पले-बढ़े अभिषेक मिश्रा अपनी रचनाओं में गाँव की मिट्टी की खुशबू और जीवन के संघर्षों की सच्चाई को पिरोते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ साहित्य साधना में जुटे अभिषेक ने अपनी कलम से भाई-बहन के रिश्तों, पारिवारिक भावनाओं और ग्रामीण जीवन की बारीकियों को सहजता से शब्द दिए हैं। उनकी बहना चालीसा इस पवित्र रिश्ते की संवेदनाओं और बचपन की यादों का जीवंत चित्र है, जो हर पाठक को अपने ही घर-आंगन की कहानी सुनाती है।

Tags:

Post Comments

Comments

Latest News

बलिया के युवा कवि अभिषेक मिश्रा ने भाई-बहन के अटूट बंधन को समर्पित किया बहना चालीसा, पढ़कर भावविह्वल हो जायेंगे आप बलिया के युवा कवि अभिषेक मिश्रा ने भाई-बहन के अटूट बंधन को समर्पित किया बहना चालीसा, पढ़कर भावविह्वल हो जायेंगे आप
रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बलिया के युवा कवि "अभिषेक मिश्रा" ने अपनी कलम से एक ऐसी अद्भुत रचना...
Rakshabandhan 2025 : इस बार भद्रा नहीं लग रहा राखी पर 
9 August ka Rashifal : कैसा रहेगा अपना शनिवार, पढ़ें आज का राशिफल
बलिया में महावीरी झंडा जुलूस : ड्यूटी मे लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को एसपी ने किया ब्रीफ, दिए दिशा निर्देश 
Ballia DM की सार्थक पहल से शिक्षकों को मिला वेतन, प्राशिसं ने ज्ञापित किया धन्यवाद
Ballia DM ने किया काकोरी शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ
बलिया में ऐतिहासिक होगी विनोद राय की श्रद्धांजलि सभा और तिरंगा यात्रा : उपेन्द्र तिवारी