बलिया में बाढ़ के साथ बढ़ रही मुसीबतें, फ्लड एरिया में त्राहिमाम्



बलिया : गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा के जलस्तर में एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। गंगा की लहरें हाई फ्लड लेवल के नजदीक पहुंच गयी है। गंगा नदी के उफान पर होने के कारण टोंस और मगई नदी भी उफान पर है। गंगा नदी ने शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के 41 कच्चे-पक्के मकानों को अपने पेटे में समेट चुकी है। इसमें 17 चक्की नौरंगा तथा 24 कच्चे-पक्के मकान नगर पालिका क्षेत्र के मुहम्मदपुर के शामिल हैं।
जनपद में बाढ़ से करीब एक लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है। बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों का पलायन का सिलसिला जारी है। केंद्रीय जल आयोग के गायघाट गेज पर गंगा नदी का जलस्तर मंगलवार की सुबह 8 बजे 59.81 मीटर रिकाॅर्ड किया गया। यहां खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। गंगा नदी इस समय खतरा बिंदु से 2.115 मीटर ऊपर यानी 59.73 मीटर पर बह रही है। 2016 में सर्वाधिक जलस्तर 60.390 मीटर रिकार्ड किया गया था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार बाढ़ से 26 ग्राम पंचायतों और शहर के छह मोहल्लों की कुल दस हजार की आबादी प्रभावित है। बाढ़ से 2241 परिवार प्रभावित हुए हैं। 59 प्रावि और उप्रावि, दो इंटर कॉलेज और एक पीजी कालेज में बाढ़ के पानी घुस जाने से पठन-पाठन प्रभावित हुआ है। जनपद से होकर बह रही तीनों नदियों गंगा, सरयू और टोंस का जलस्तर लगातार बढ़ाव पर है।
चक्की नौरंगा : गंगा की धार बनीं कटार
गंगा नदी की लहरें चक्की नौरंगा का अस्तित्व मिटाने को आतुर है। लहरें न केवल उपजाऊ जमीन, बल्कि लोगों के घरों को भी अपना निशाना बना रही है। एसडीएम बैरिया आलोक कुमार के अनुसार चक्की नौरंगा में अब तक 17 मकान नदी में समा चुके हैं। जिनमें दस परिवारों को आपदा राहत कोश से मुआवजा दिया जा चुका है। छः का प्रक्रियाधीन है। जल्द ही उनको भी मुआवजा मिल जायेगा। पक्के मकानों का एक लाख बीस हजार का प्राविधान है। ऐसे लोगों को जमीन पट्टा करके मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान भी दिया जायेगा।
कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी की वजह से करीब एक दर्जन से अधिक गांवों तक बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। गोपालपुर, सुघर छपरा, उदयी छपरा, दूबे छपरा, शिवपुर कपूर दीयर, चक्की नौरंगा, जवहीं, प्रसाद छपरा, आलमराय के टोला, बुधनचक आदि गांवों तक गंगा नदी का पानी पहुंच गया है।जिससे ग्रामीणों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न गांवों के सम्पर्क मार्ग पर पानी भर गया है।
उधर, शहर के निचले इलाकों निहोरा नगर, कृष्णा नगर, बेदुआ, गायत्री कालोनी, महावीर घाट आदि में धीरे-धीरे बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इस वजह से लोगों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह हो गया है कि लोग अब पलायन करने को विवश हो गये हैं। कुछ परिवार निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर तिरपाल आदि टांग कर शरण ले चुके है।

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