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अनलॉक हुई जिंदगी, मगर न रहे बेखबर ; क्योंकि...

अनलॉक हुई जिंदगी, मगर न रहे बेखबर ; क्योंकि... कोरोना आया तो एक के बाद एक पाबंदियां लगती गईं। सब कुछ ठहर गया। यानी, हमारी जिंदगी ही लॉक हो गई। पर, आज फिर से नए सफर शुरू हो जाएंगे। ट्रेन हो, बस हो, ऑटो हो या फिर टैक्सी... सब...
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बलिया : जिन्दगी इस कदर लाचार हो गई, भूख ही मजदूर की खुराक हो गई...

बलिया : जिन्दगी इस कदर लाचार हो गई, भूख ही मजदूर की खुराक हो गई... 1947 बंटवारे का दर्द झेलने के बाद देश की सड़कों पर बेबसी, लाचारी और भूख का यह मंजर पहली बार दिख रहा है। मुल्क के माजी को अपने पसीने से सींचने वाला मजदूर आज अपने ही देश में शरणार्थी और...
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विमान दुर्घटना और ब्लैक बॉक्स का आपसी सम्बन्ध... पत्रकार रवीन्द्र तिवारी की एक रिपोर्ट

विमान दुर्घटना और ब्लैक बॉक्स का आपसी सम्बन्ध... पत्रकार रवीन्द्र तिवारी की एक रिपोर्ट किसी भी विमान दुर्घटना के पश्चात आपने एक शब्द अवश्य सुना होगा वो ये की ब्लैक बॉक्स की खोज जारी है। आखिर ये ब्लैक बॉक्स है क्या और क्यों खोजा जाता है। इस पहलू पर आपने सोचा है कभी? नही...
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वैश्विक महामारी को न बनाएं 'तीसरी फसल'

वैश्विक महामारी को न बनाएं 'तीसरी फसल' संघर्ष किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर हमेशा विद्यमान रहा है और सच्चाई यही है कि संघर्षों को समाज से कभी पूर्णतया समाप्त नहीं किया जा सकता। राजनैतिक संघर्ष हो, जनजातीय संघर्ष हो, विचारधारा का संघर्ष हो या धार्मिक...
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देर से ही सही, इस उम्मीद के साथ अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की बधाई

देर से ही सही, इस उम्मीद के साथ अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की बधाई बलिया। तीन मई को अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस मनाया गया। कोरोना रूपी वैश्विक अफरातफरी के बीच इसकी रश्म अदायगी भी की गई। पिछले चालीस दिनों से वैश्विक महामारी से जूझ रहे कलमकारों को किसी ने हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी तो...
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कोरोना आपदा और उभरते सवाल

कोरोना आपदा और उभरते सवाल                              विश्व में कोरोना नाम की खतरनाक आपदा से मरने वालों की संख्या लाख से ऊपर जा चुकी है, जो पल-पल बढ़ रही है। कोरोना वायरस चीन के वुहान क्षेत्र में पहली बार 31 दिसम्बर को चिन्हित हुआ और 30 जनवरी...
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राष्ट्रहित में चट्टान की तरह खड़ा रहते थे चंद्रशेखर

राष्ट्रहित में चट्टान की तरह खड़ा रहते थे चंद्रशेखर मंगल पांडेय, चित्तू पांडेय, जयप्रकाश नारायण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के बदौलत उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद का नाम पूरे देश में आदर के साथ लिया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की 93वीं जयंती अपने-अपने घरों में...
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जाओ और उनसे कह दो, चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपना विचार नहीं बदलता

 जाओ और उनसे कह दो, चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपना विचार नहीं बदलता 'जाओ और उनसे कह दो, चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपने विचार नहीं बदलता....’ चन्द्रशेखर को इस्तीफ़ा वापस लेने के लिए मनाने आए शरद पवार यह बात अपनी आत्मकथा ‘ऑन माई टर्म्स’ में लिखते हैं। वो राजीव गांधी के...
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चंद्रशेखर यूं ही नहीं कहलाये 'लास्ट आइकॉन ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स'

चंद्रशेखर यूं ही नहीं कहलाये 'लास्ट आइकॉन ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स' चंद्रशेखर : एक क्रांतिकारी युग का अवसान                       क्या खास है आज? क्यूं आज का दिन नम कर रहा है इन आंखों को ? क्यूं सिने की कसक कुछ याद करके रोता भी है और गर्व से मदमाता भी हैआज...
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