शादी के बाद भी नहीं घटी प्रेमी से दूरी, नवविवाहित मुस्कान ने किया पति का मर्डर



Jharkhand News : झारखंड के पलामू में राजा रघुवंशी जैसा हत्याकांड सामने आया है। अभी तो हाथ में लगी मेहंदी के रंग भी नहीं उतरे थे, लेकिन प्रेमी के इश्क में डूबी मुस्कान ने शादी के महज 40 दिनों में ही पति की हत्या कर दी। पलामू जिला के नावा बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत कंडा घाटी में हुई पति की निर्मम हत्या की घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि समाज में वैवाहिक रिश्तों पर भी गहरा सवाल खड़ा कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 16 साल की लड़की अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती थी, लेकिन घरवालों ने किसी और से शादी करवा दी। डेढ़ महीने पहले हुए शादी के बाद लड़की ने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पति को मारने का प्लान बनाया और 31 जुलाई को रास्ते से हटा दिया। पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है। पलामू पुलिस अधीक्षक रेशमा रमेशन ने बताया कि लड़की पलामू के नवाजयपुर थाना क्षेत्र के सिंजों की रहने वाली है। पति की हत्या के आरोप में पुलिस ने पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
22 जून को उसकी शादी सरफराज नाम के लड़के के साथ हुई थी, लेकिन शादी के बाद दोनों अलग-अलग ही रह रहे थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी ने पति सरफराज को जंगल में बुलाया था। जंगल में धोखे से बुलाकर पत्नी और प्रेमी ने पत्थरों से कुचलकर मार डाला। लातेहार जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दही गाँव के रहने वाले सरफराज खान की पत्थरों से कुचलकर हत्या के बाद शव को पत्तों से ढक दिया गया था।
एसपी ने बताया कि लड़की ने खुलासा किया कि वह अपने प्रेमी से शादी करना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिर उसने अपने पति की हत्या की साजिश रची। पुलिस लड़की के प्रेमी को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है। एसपी ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि लड़की की शादी डेढ़ महीने पहले किसी दूसरे लड़के से हो गई। इसके बाद वो अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती थी।
एक वर्ष से चल रहा था प्रेम प्रसंग
नवविवाहित मुस्कान खातून ने नावा बाजार थाना में जेल जाने से पहले जुर्म कबूल करते हुए कहा कि गांव के ही आधा किलोमीटर दूरी पर समीर शाह पुत्र तहसील शाह के साथ एक वर्ष पूर्व में टेन प्लस टू उच्च विद्यालय नावा बाजार में पढ़ने के क्रम में पहली मुलाकात हुई थी। हम दोनों के बीच की दोस्ती शादी करने तक पहुंच गई थी। लेकिन परिजन शेख एवं शाह जाति में सामाजिक दूरियों के कारण इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। फिर मेरी शादी सरफराज खान के साथ 40 दिन पूर्व कर दी गई, जो मुझे नहीं भाता था।

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