AIOCD, OCDUP और BCDA राष्ट्र के साथ : सरकार रोकें ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी, क्योंकि...

AIOCD, OCDUP और BCDA राष्ट्र के साथ : सरकार रोकें ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी, क्योंकि...

बलिया : 12.40 लाख से अधिक केमिस्टों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अवैध ई-फार्मेसी और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Zepto, Blinkit आदि) द्वारा 10 मिनट में शेड्यूल प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की डिलीवरी पर तत्काल रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग किया है।AIOCD ने स्पष्ट किया है कि यह गतिविधियाँ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के सीधे उल्लंघन के साथ-साथ दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना हैं। सम्बन्धी नियामक द्वारा इनके खिलाफ कार्यवाही के अभाव में यह प्रवृत्ति विशेषकर युवाओं में नशे और लत को बढ़ावा दे रही है।

इस सम्बंध में BCDA बलिया के अध्यक्ष आनंद सिंह ने बताया कि अवैध ई-फार्मेसी और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Zepto, Blinkit आदि) द्वारा 10 मिनट में शेड्यूल प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की डिलीवरी पर युवाओं में नशे और लत को बढ़ावा दे रही है। फर्जी दवा पर्चे का चलन बढ़ा है, जिसका उदाहरण हैदराबाद के एक डॉक्टर ने मुंबई के एक मरीज के लिए आधी रात को फर्जी दवा पर्चा जारी करना है। इस तरह की प्रथाएँ जन-स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक हैं। कहा है कि सरकार नशीले पदार्थों का व्यापार रोकें। एआइओसीडी, ओसीडीयूपी एवं बीसीडीए ट्रीपल ईंजन मज़बूती से राष्ट्र के साथ है।

ऑफलाइन पर सख्ती, ऑनलाइन पर शिथिलता
•सरकारी एजेंसियाँ ऑफलाइन दवा विक्रेताओं पर त्वरित कार्रवाई करती हैं, जबकि अवैध ऑनलाइन दवा विक्रेताओं के विरुद्ध लगभग कोई कदम नहीं उठाया जाता।
•इस नियंत्रण की कमी से नशीली दवाओं के दुरुपयोग में लगभग 55% की वृद्धि हुई है।
सत्यापन एवं निगरानी का अभाव
•दवा पर्चों की प्रामाणिकता या खरीदार की मंशा की जाँच के लिए कोई ठोस प्रणाली मौजूद नहीं।
•अनुसूची H की आदत डालने वाली दवाएँ बिना जांच-परख के वितरित की जा रही हैं, जो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का उल्लंघन है।
•इसका प्रत्यक्ष असर युवाओं में नशे की लत के तेज़ प्रसार के रूप में दिख रहा है।
एक क्लिक पर प्रिस्क्रिप्शन दवाएँ
•ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म टेलीमेडिसिन दिशानिर्देशों का दुरुपयोग कर प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की व्यावसायिक बिक्री कर रहे हैं।
•यह औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, फार्मेसी अधिनियम और फार्मेसी प्रैक्टिस विनियमों की मूल भावना के विपरीत है।
नशे के लिए दुरुपयोग
•प्रीगैबलिन जैसी अनुसूची H दवाओं का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है।
•युवा आसानी से संदिग्ध ऑनलाइन परामर्श सेवाओं के माध्यम से इन दवाओं तक पहुँच बना रहे हैं।

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मुनाफाखोरी ही उद्देश्य
•ई-फार्मेसियाँ और त्वरित डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म दवाओं को अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की तरह मानते हुए केवल बिक्री व मूल्य वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इनमें से अधिकांश विदेशी पूंजी से संचालित हैं, जो भारत के घरेलू बाजार को कमजोर कर बेरोज़गारी को बढ़ावा देते हैं।

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आवश्यक कार्यवाही हेतु अनुरोध
•अनुसूची H/H1/X दवाओं की ऑनलाइन बिक्री एवं 10-मिनट डिलीवरी पर तत्काल प्रतिबंध।
•औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का उल्लंघन करने वाली सभी ई-फार्मेसियों को तुरंत बंद किया जाए।
•युवाओं को नशे की लत के खतरे से सुरक्षित रखने के लिए कड़ी निगरानी और दंडात्मक कार्रवाई।
इस गंभीर जनहित के मुद्दे पर किसी भी अतिरिक्त जानकारी या सहयोग के लिए हम सदैव उपलब्ध हैं।

प्रमुख चिंताएं
•फर्जी प्रिस्क्रिप्शन: बिना वास्तविक सत्यापन के ऑनलाइन दवाएं जारी (जैसे, हैदराबाद का डॉक्टर रात में 12 बजे मुंबई के मरीज को दवा लिख रहा है)।
•प्रिस्क्रिप्शन की जांच नहीं: खतरनाक एवं आदत डालने वाली दवाएं बिना जाँच के वितरित, जिससे नशे की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है।
•नशे की लत के लिए दुरुपयोग: आसान उपलब्धता के कारण दुरुपयोग में तेज़ी से वृद्धि, विशेषकर शेड्यूल H की दवाओं जैसे प्रेगाबालिन।
•कानून से बचकर मुनाफा कमाना: विदेशी फंड से पोषित स्टार्टअप दवाओं को मात्र एक वस्तु की तरह बेच रहे हैं, कैश-बर्न रणनीति अपनाकर भारत के घरेलू बाजार को कमजोर कर रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ा रहे हैं।
•ऑफलाइन केमिस्टों पर सख्त कार्रवाई के बावजूद अवैध ऑनलाइन ऑपरेटर बिना रोक-टोक जारी हैं, जिससे ऐसे दुरुपयोग में 55% की वृद्धि हुई है। ये टेलीमेडिसिन गाइडलाइन्स का गलत इस्तेमाल कर उन सुरक्षा उपायों को दरकिनार कर रहे हैं जो जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बनाए गए हैं।
•हम आपसे निवेदन करते हैं कि आपके मिशन “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” के तहत निम्न कदम तत्काल उठाए जाएं।
•स्वास्थ्य मंत्रालय एवं नियामक एजेंसियों को निर्देशित कर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शेड्यूल H/H1/X दवाओं की ऑनलाइन बिक्री एवं त्वरित डिलीवरी पर पूर्ण प्रतिबंध लगवाएं।
•ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन करने वाली ई-फार्मेसियों को बंद करें।
•युवाओं को इस खतरनाक और आसानी से उपलब्ध नशे के स्रोत से बचाएं।
•आपके नेतृत्व में उठाए गए कुछ निर्णायक कदम नशे के दुरुपयोग के खिलाफ इस संघर्ष में एक ऐतिहासिक बदलाव ला सकते हैं। हम इस राष्ट्रीय अभियान में आपके साथ खड़े हैं।

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