बलिया : कोरोना काल में रामचरित मानस और विनय पत्रिका की प्रत्येक पंक्ति मंत्र
On




बलिया। 'तुलसी' लोकनायकों की उस परम्परा के संवाहक है, जिसकी श्रृंखला राम-कृष्ण से होते हुए गांधी तक चली आई है। निश्चय ही वे भारतीय समाज के आलोक पुरुष है। परम प्रासंगिक है। ये बातें कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पं. अवध बिहारी चौबे ने कही। वे सतनी सराय स्थित 'कात्यायनी भवन' परिसर में तुलसी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
साहित्य में उनके प्रदेय को रेखांकित करते हुए मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जनार्दन राय ने कहा कि उनके 'मानस' की धर्मभूमि 'संत' के समर्थन और 'असत' के निराकरण वाले सिद्धांतों पर खड़ी है। इसलिए अनन्य एवं अन्यतम है। 'जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृप अवसि नरक अधिकारी' कहकर वे सिर्फ जगाते ही नहीं, करों में क्रांतिध्वज लेकर रहनुमाई भी करते है।
उनका 'सियाराम' शिवंकर तो ही है, सावन मास में और भी प्रासंगिक हो जाता है। कोरोना इस कलिकाल में रामचरित मानस और विनय पत्रिका की प्रत्येक पंक्ति मंत्र है। मंत्र जाप विपत्ति से मुक्ति की साधना का सोपान है। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भी श्रद्धांजलि दी गई। शिव दर्शन राय, श्रीप्रकाश मिश्र, टुनटुन उपाध्याय, श्रीनिवास यादव इत्यादि मौजूद रहे।
Tags: Ballia News

Related Posts
Post Comments

Latest News
04 Dec 2025 13:18:17
बलिया : इंसानियत और मानवता की झलक अगर कहीं दिखती है, तो वह है बेसिक शिक्षा विभाग। जी हां !...



Comments