शिवपुर तालाब को लेकर पूर्व पार्षद डॉ. जतेन्द्र सेठ ने प्रशासन को दिलाई नगर आयुक्त के इन पत्रों की याद




Varanasi News : काशी की पंचकोसी परिक्रमा के चौथे पड़ाव शिवपुर पर स्थित धार्मिक आस्था, पर्यावरणीय महत्व और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक रहा शिवपुर तालाब को कब्जा मुक्त करवानें के लिए संघर्षरत पूर्व पार्षद एवं पूर्व सदस्य उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी डॉ. जितेंद्र सेठ ने प्रशासन के दो पत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि तालाब था, हैं और रहेगा। इसे साबित करने के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
डॉ. जितेंद्र सेठ के मुताबिक, नगर आयुक्त (नगर निगम वाराणसी) द्वारा कार्यालय जिलाधिकारी वाराणसी को आईजीआरएस में की गई शिकायत के निस्तारण में 10 अप्रैल 2017 एवं 1 जनवरी 2018 को शिवपुर तालाब के संबंध में मंडलायुक्त वाराणसी के मौखिक निर्देशानुसार तालाब की खुदाई आंशिक भाग पर की गई थी। पुनः मंडलायुक्त के निर्देश के अनुपालन में कार्यवाही की जाएगी।
दूसरा पत्र पुनः कुंडो/ तालाबों की समीक्षा बैठक 30 दिसम्बर 2017 को अपर आयुक्त वाराणसी मंडल द्वारा तालाब की खुदाई कराने का निर्देश उप जिलाधिकारी सदर एवं नगर निगम को दिया गया था। राजस्व अभिलेख के अनुसार उप जिलाधिकारी सदर से समन्वय बनाकर तदनुसार जिलाधिकारी की सज्ञानता में लाते हुए तालाब की खुदाई की कार्यवाही की जाएगी।
उक्त दोनों पत्र से स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है कि शिवपुर तालाब की खुदाई का निर्णय लिया गया था। तालाब की खुदाई भी कराई गई थी, परंतु राजनीतिक हस्तक्षेप से खुदाई का कार्य अचानक बीच में रोक दिया गया। डॉ. जितेंद्र सेठ का कहना है कि, शिवपुर तालाब की पुनः खुदाई कराई जाय। तालाब की खुदाई कराकर तालाब को मूल रूप में लाया जाए। तालाब का सुंदरीकरण कराया जाए। कहा कि रीस्टोरेशन आफ वॉटर बॉडी की मांग वर्षों से की जा रही है।
पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के यात्रियों के विश्राम स्थल के रूप में पर्यावरण एवं जल संरक्षण के साथ ही स्थानीय लोगों के इस्तेमाल में यह तालाब लाया जाय। डॉ. जितेंद्र सेठ ने उत्तर प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन के साथ ही सांसद वाराणसी, विधायक, नगर निगम के महापौर एवं वाराणसी के पार्षद से काशी एवं शिवपुर वासियों की ओर से मांग किया है कि उक्त प्रकरण पर आवश्यक कदम उठाया जाए।

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