जयंती की पूर्व संध्या पर कांग्रेसियों ने भारत के प्रथम पीएम पं. जवाहर लाल नेहरू को कुछ यूं किया याद



वाराणसी : समर्पित और निष्ठावान वरिष्ठ कांग्रेस जनों ने भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री भारत रत्न पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयन्ती की पूर्व संध्या पर मैदगीन गोलघर नेहरू मार्केट स्थित पार्क में स्थापित उनकी प्रतिमा की साफ सफाई एवं माल्यापर्ण कर नमन् किया। मोमबत्तियां प्रज्वलित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होने के साथ ही आधुनिक भारत के पुनर्निर्माण के शिल्पी भी थे। देश जब आजाद हुआ तो भारत की अर्थव्यवस्था जर्जर थी। कृषि व सिंचाई की व्यवस्था बहुत खराब स्थिति में थी, पर पंडित नेहरू की दूरदर्शी सोच व नीतियों ने भारत की आर्थिक स्थिति व ढांचागत सुविधाओं में बड़ा बदलाव किया।

भाखड़ा नांगल, हीराकुंड, नागार्जुन सागर, रिहन्ड आदि बांधों के निर्माण तथा पंचवर्षीय योजनाओं व मिश्रित अर्थव्यवस्था को लागू कर नेहरू जी ने भारत का उल्लेखनीय विकास किया। गुटनिरपेक्ष आंदोलन व पंचशील सिद्धांत का नेतृत्व कर पं. जवाहरलाल नेहरू ने पूरे विश्व में भारत का नाम आगे किया। काश्मीर को भारत में मिलाने का श्रेय भी पंडित नेहरू को ही जाता है। यदि नेहरू जी अपनी बौद्धिक क्षमता व समझदारी का परिचय न देते तो काश्मीर भारत का हिस्सा न बन पाता।
पंडित जवाहरलाल नेहरू के आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक सोच तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण ही आज आधुनिक भारत ने इतनी तरक्की की है। बोकारो स्टील प्लांट, भिलाई इस्पात कारखाना, इसरो, एम्स आदि सभी महत्वपूर्ण संस्थान नेहरू जी की ही देन है। पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल दोनों महान नेताओं की सोच और आपसी तालमेल का ही नतीजा है जो 400 के करीब छोटे, बड़े राज्यों का भारत में विलय हो सका। भारत को समृद्ध व आधुनिक बनानें में नेहरू जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य/ पूर्व पार्षद डॉ. जितेंद्र सेठ ने कार्यक्रम को संचालित करते हुए कहा की पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा रचित "डिस्कवरी ऑफ इंडिया" नामक पुस्तक भारत के इतिहास को जानने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नेता के रूप में तथा उनके पंचशील सिद्धांतों के कारण नेहरू जी की ख्याति आज भी पूरे विश्व में है।
कार्यक्रम में डॉ. उमापति उपाध्याय, पंडित राजेंद्र तिवारी बबलू महंत, प्रमोद श्रीवास्तव, राजेंद्र प्रसाद जायसवाल, अजय सिंह, शिव जी, अंजनी कुमार मिश्रा, आशीष सिंह विक्की, प्रदीप मेहरोत्रा, सुशील सोनकर, निमेष चंद्र गुप्ता, अमरेश चंद्र सिन्हा, भोलानाथ यादव, वैभव त्रिपाठी, डॉ. सत्येंद्र शर्मा, विजय बहादुर पांडेय, वीरेंद्र सिंह, वीरेंद्र चौरसिया, अमिताभ दीक्षित, विपिन मेहता, सुभाष राम, विजय सिंह बागी, आशीष सेठ, कौस्तुभ तिवारी, गोलू सिंह, गौरव सिंह, दीपक राजभर, दिव्यांशु यादव, राहुल सहित अन्य कांग्रेस जन उपस्थित रहे। संचालन डॉ. जितेंद्र सेठ ने किया।



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