बलिया में श्रीराम महायज्ञ : त्याग, तपस्या, समर्पण, सन्तोष और मर्यादा का नाम है श्रीराम
बैरिया, Ballia News : राम जन्म का कारण प्राणी की चेतना को जागरूक करना था। कलयुग में राम की महिमा से राम के नाम का जप का प्रभाव बहुत सुखद और मोक्षकारक है। उक्त उद्गार है मानस किंकर जी महाराज के, जो सन्त भाला बाबा की कुटी पर श्रीराम महायज्ञ के दौरान प्रवचन में व्यक्त किया।
कहा कि जब अयोध्या मे राम का जन्म हुआ तो देवता प्रसन्न थे। प्रकृति ने भी उनका स्वागत किया था। प्रभु राम ने मनुष्य के सभी सम्बधो का बखूबी निर्वाह कर समाज को एक अलग सन्देश दिया, उसका सभी को आत्मसात करना चाहिए। राम ने पत्नी से पति का, भाई से भाई का, गुरु से शिष्य का, माता पिता से पुत्र का, राजा का प्रजा के नातो का जो सम्मान दिया, जिस मर्यादा का पालन किया। उससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जब तक राम अयोध्या में रहे तब श्रीराम थे। वनवास के बाद जब अयोध्या आये तो मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम हो गये। त्याग, तपस्या, समर्पण,
सन्तोष और मर्यादा का ही नाम श्रीराम है, जो जीव मात्र के लिए कल्याणकारी है। श्रीराम के आदर्शो का अनुसरण करना जिसे आ जायेगा, उसका जीवन धन्य हो जायेगा।
रास लीला कलाकारों ने किया सुदामा चरित्र का मंचन
बाजिदपुर स्थित सन्त सिरोमणी भाला बाबा की कुटी पर चल रहे भव्य श्रीराम महायज्ञ की पुर्णाहुति आगामी आठ जून को भव्य भण्डारा के साथ सम्पन्न होगी। शाम को वृंदावन से आये रास लीला कलाकारों द्वारा सुदामा चरित्र का मंचन किया, जिसमें हजारों लोगो ने रासलीला का आनन्द लिया। यज्ञ का नेतृत्व कर रहे स्वामी रामानन्द दाश जी महाराज ने बताया कि रोजाना यज्ञ चल रहा है।हजारो श्रद्धालु आ रहे हैं। यज्ञ मण्डप की परिक्रमा के लिए रोजाना हजारो लोग सहभागिता कर रहे हैं।
शिवदयाल पांडेय मनन
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