अपनी बात
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Read More... अनलॉक हुई जिंदगी, मगर न रहे बेखबर ; क्योंकि...
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By Purvanchal 24
कोरोना आया तो एक के बाद एक पाबंदियां लगती गईं। सब कुछ ठहर गया। यानी, हमारी जिंदगी ही लॉक हो गई। पर, आज फिर से नए सफर शुरू हो जाएंगे। ट्रेन हो, बस हो, ऑटो हो या फिर टैक्सी... सब... बलिया : जिन्दगी इस कदर लाचार हो गई, भूख ही मजदूर की खुराक हो गई...
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By Purvanchal 24
1947 बंटवारे का दर्द झेलने के बाद देश की सड़कों पर बेबसी, लाचारी और भूख का यह मंजर पहली बार दिख रहा है। मुल्क के माजी को अपने पसीने से सींचने वाला मजदूर आज अपने ही देश में शरणार्थी और... विमान दुर्घटना और ब्लैक बॉक्स का आपसी सम्बन्ध... पत्रकार रवीन्द्र तिवारी की एक रिपोर्ट
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By Purvanchal 24
किसी भी विमान दुर्घटना के पश्चात आपने एक शब्द अवश्य सुना होगा वो ये की ब्लैक बॉक्स की खोज जारी है। आखिर ये ब्लैक बॉक्स है क्या और क्यों खोजा जाता है। इस पहलू पर आपने सोचा है कभी? नही... वैश्विक महामारी को न बनाएं 'तीसरी फसल'
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By Purvanchal 24
संघर्ष किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर हमेशा विद्यमान रहा है और सच्चाई यही है कि संघर्षों को समाज से कभी पूर्णतया समाप्त नहीं किया जा सकता। राजनैतिक संघर्ष हो, जनजातीय संघर्ष हो, विचारधारा का संघर्ष हो या धार्मिक... देर से ही सही, इस उम्मीद के साथ अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की बधाई
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By Purvanchal 24
बलिया। तीन मई को अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस मनाया गया। कोरोना रूपी वैश्विक अफरातफरी के बीच इसकी रश्म अदायगी भी की गई। पिछले चालीस दिनों से वैश्विक महामारी से जूझ रहे कलमकारों को किसी ने हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी तो... कोरोना आपदा और उभरते सवाल
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By Purvanchal 24
विश्व में कोरोना नाम की खतरनाक आपदा से मरने वालों की संख्या लाख से ऊपर जा चुकी है, जो पल-पल बढ़ रही है। कोरोना वायरस चीन के वुहान क्षेत्र में पहली बार 31 दिसम्बर को चिन्हित हुआ और 30 जनवरी... राष्ट्रहित में चट्टान की तरह खड़ा रहते थे चंद्रशेखर
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By Purvanchal 24
मंगल पांडेय, चित्तू पांडेय, जयप्रकाश नारायण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के बदौलत उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद का नाम पूरे देश में आदर के साथ लिया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की 93वीं जयंती अपने-अपने घरों में... जाओ और उनसे कह दो, चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपना विचार नहीं बदलता
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By Purvanchal 24
'जाओ और उनसे कह दो, चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपने विचार नहीं बदलता....’ चन्द्रशेखर को इस्तीफ़ा वापस लेने के लिए मनाने आए शरद पवार यह बात अपनी आत्मकथा ‘ऑन माई टर्म्स’ में लिखते हैं। वो राजीव गांधी के... चंद्रशेखर यूं ही नहीं कहलाये 'लास्ट आइकॉन ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स'
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By Purvanchal 24
चंद्रशेखर : एक क्रांतिकारी युग का अवसान क्या खास है आज? क्यूं आज का दिन नम कर रहा है इन आंखों को ? क्यूं सिने की कसक कुछ याद करके रोता भी है और गर्व से मदमाता भी हैआज... 
