मैं कोई शास्त्री नहीं, एक पत्रकार होने के नाते भाइयों से मेरा आग्रह है कि...

मैं कोई शास्त्री नहीं, एक पत्रकार होने के नाते भाइयों से मेरा आग्रह है कि...

वैसे तो पूर्वांचल को छोड़कर देश भर में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाया है, जहां बारिश नहीं हुई है वहां नदियां उफान पर हैं। उत्तराखंड में बादल फटे, सैकड़ों जनहानि की खबर है। हालांकि शासन-प्रशासन हर जगह अलर्ट है। इस बीच, रक्षा बंधन का त्योहार भी सामने है। रक्षा बंधन सिर्फ एक धागा बांधने की परंपरा नहीं, यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला त्योहार है। ये एक-दूसरे के प्रति प्रेम और भरोसे का त्योहार है। ये अच्छे समय में खुशियां बांटने और विषम परिस्थिति में साथ निभाने के संकल्प लेने का दिन है।

जमाना बदल गया है, किंतु आज भी रिश्ते बने हुए हैं। भाई की कलाई में राखी बांधने के लिए बहनें बड़ी शौक से मायके आती हैं। ऐसे में भाई हट जाए तो बहन पर क्या गुजरेगा? समझा जा सकता है। बहनें जहां भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके सुखी, संपन्न और दीर्घायु होने की कामना करती हैं, वहीं भाई बहनों को यह वचन देते हैं कि वे हर परिस्थिति में बहन का साथ देंगे। यह बहुत ही पवित्र त्योहार है, जो भाई-बहन के रिश्ते में एक नए उत्साह का संचार करता है। इसलिए मेरी एक गुजारिश उन भाइयों से है, जो किसी परिस्थिति में कही जाने की सोच रहे है वे रक्षाबंधन तक घर छोड़कर न जाय। मायका और ससुराल का सम्मान बढ़ाना बहन का कर्त्तव्य है, जो संस्कार और परम्परा में निहित रहा है। बहन का सम्मान फंस न जाय, ख्याल रखना भाई।

भाई बहन का अटूट प्यार का पर्व रक्षाबंधन 9 अगस्त को
 
भाई-बहन का अटूट प्यार का पर्व रक्षाबंधन (राखी ) सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षाबंधन भाई-बहनों के स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, तरक्की, अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उसे राखी बांधती हैं। बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देता है। बताया जा रहा है कि पूरे देश में इस साल माह की पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी, जो नौ अगस्त दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए यहां भी राखी का पर्व 9 अगस्त को ही मनाया जायेगा।

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देश के बाहर रहने वालों के लिए भी 9 अगस्त को बताया जा रहा, समय केवल अलग

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विदेश यानी यूनाइटेड अरब अमीरात में जो रहता है, यहां रक्षा बंधन 9 अगस्त को ही मनाए जाने की बात बताई जा रही है। यहां राखी बांधन के लिए समय सुबह 5:51 मिनट से लेकर 11:54 मिनट तक है। भद्रा का छाया रक्षा बंधन पर नहीं रहेगा, क्योंकि रक्षा बंधन पर भद्रा सुबह ही समाप्त हो रही है। इसलिए भद्रा के बिना वाले समय में राखी बांधी जा सकती हैं।

जब गांव की बहनें अपने ही घर नहीं, बल्कि गांव के हर भाई भतीजा को बांधती थीं राखी 

आगे चलने से पहले एक बार पीछे मुड़कर जरूर देख लें। इससे पता चल जायेगा कि हम सही जा रहे हैं या गलत? इससे निश्चित ही जीवन में सफलता हासिल होगी। याद कीजियेगा वह भी एक समय था, जब गांव की बहनें घर ही नहीं, बल्कि गांव के हर भाई भतीजा को राखी बांधती थीं। रहता कुछ था तो बस प्रेम, उसी प्रेम में भाई-भतीजा की तरफ से परिवार के लोग बहनों को सम्मान सहित विदाई करते थे। 

बहन का रखें इतना ध्यान, बढ़ता रहे सम्मान 

आधुनिक (नए) युग में हर भाई -बहन का प्यार बना रहे, इसीलिए कुछ लिखने का मन में आया। बड़े भाग्य से हम मनुष्य के तन में जन्म लिये हैं। समाज में अच्छाई से कोसों दूर जाते हुए सब कुछ नजर आ रहा है। बस एक निवेदन मेरा स्वीकार कर लें। नए युग में भाई अपनी बहन का ध्यान इतना जरूर रखें कि उसका सम्मान बढ़ता रहे। इन्हीं शब्दों के साथ नमस्कार। 
नरेन्द्र मिश्र, टीवी पत्रकार बलिया।

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