महाअष्टमी और नवमी कब है ? ज्योतिषाचार्य डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय जानें शुभ मुहूर्त




Chaitra Navratri 2025 : यहां हम बात करने जा रहे हैं चैत्र नवरात्रि के बारे में, जिसकी शुरुआत 30 मार्च से हो गई है, जो 6 अप्रैल को समाप्त हो रही है। वहीं आपको बता दें कि इस बार एक तिथि का क्षय हो रहा है, जिससे अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर संशय बना हुआ। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं दुर्गा अष्टमी, नवमी और कन्या पूजा कब है…
इंदरपुर (थमहनपुरा) बलिया निवासी ज्योतिषाचार्य डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय बताते है कि पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 4 अप्रैल 2025 को रात्रि 1:22 पर प्रारंभ होगी और 5 अप्रैल 2025 को रात 12:05 पर अष्टमी तिथि का समापन होगा। उदय तिथि में अष्टमी महानिशा पूजा, बलिदान आदि कार्य 5 अप्रैल 2025 शनिवार को मनाई जाएगी। अंतिम दिन यानी अष्टमी व्रत वाले भक्त 5 अप्रैल को व्रत रहेंगे। वह नवमी तिथि में 6 अप्रैल को सूर्योदय के बाद पारण करेंगे।
नवरात्रि की रामनवमी कब
ज्योतिषाचार्य डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि पंचांग के अनुसार नवमी तिथि 5 अप्रैल 2025 की रात 12:06 के पश्चात प्रारंभ होगी और 6 अप्रैल 2025 को रात 11:14 पर नवमी तिथि समाप्त होगी। इसलिए रामनवमी 6 अप्रैल 2025 से रविवार को मनाई जाएगी। 9 दिन व्रत रहने वाले भक्त दशमी तिथि 7 अप्रैल 2025 सोमवार को सूर्योदय के बाद पारण करेंगे।
नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि में नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व है। यह नवरात्रि के आठवें और नौवे दिन यानी अष्टमी नवमी तिथि को किया जाता है। कन्या पूजन में नौ छोटी लड़कियों व एक भैरव जी को भोजन कराकर पूजन कर वस्तुएं दान दी जाती है।


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