बलिया में जीआरपी सिपाहियों ने रेलकर्मी को दौड़ाकर पीटा




बैरिया, बलिया : अमृत भारत के रूप मे चयनित सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर चतुर्थ श्रेणी रेल कर्मी के साथ राजकीय रेल पुलिस के जवानों ने उस समय मारपीट की, जब बलिया के तरफ जाने वाली मालगाड़ी के लिए सिग्नल एक्सचेंज के लिए प्लेटफार्म नंबर दो पर गया था। आरोप है जीआरपी के दोनों सिपाही नशे में धुत थे। यह घटना रात में 11:51 की है।
रेल कर्मी के चीखने चिल्लाने पर सहायक स्टेशन मास्टर दीपक कुमार सिंह अन्य रेल कर्मी प्लेटफार्म नंबर दो पर चले गए और रेल कर्मी मनोज कुमार को अपने साथ कार्यालय में लाएं। जीआरपी के सिपाही फिर स्टेशन मास्टर के कार्यालय में पहुंच गए और वहां से जबरन घसीट कर मनोज कुमार को ले जाकर अपने आवास में बंद कर दिया। बीच बचाव करने पर सहायक स्टेशन मास्टर सहित अन्य रेल कर्मियों से जीआरपी वालों ने बदसलूकी की।
इसकी सूचना सहायक स्टेशन मास्टर ने तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। सूचना पर रात में ही यातायात निरीक्षक संजय सिंह, स्टेशन डायरेक्टर छपरा राजेश प्रसाद, आरपीएफ के उप निरीक्षक जयेंद्र मिश्रा, जीआरपी थानाध्यक्ष सुभाष यादव, प्रभारी स्टेशन इंचार्ज त्रिलोकी नाथ यादव मौके पर पहुंच गए और घटना की जानकारी प्राप्त की। पूछताछ के बाद आरपीएफ एसआई चिकित्सा परीक्षण के लिए बलिया ले गए, जहां सदर अस्पताल में मनोज कुमार का डॉक्टरी मुआयना हुआ।
इस घटना के बाद स्टेशन पर रहने वाले रेल कर्मियों में दहशत व्याप्त है। कतिपय रेल कर्मियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जीआरपी के सिपाहियों की शराब तस्करों से साठ गांठ है। बड़े पैमाने पर यहां से ट्रेनों से शराब बिहार भेजी जाती है। इस घटना के बाद कुछ देर के लिए ट्रेनों का यातायात प्रभावित रहा। राजधानी एक्सप्रेस को भी छपरा में आधा घंटा रुकना पड़ा।
इस संदर्भ में जीआरपी गोरखपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार से घटना के बाद पूछने पर बताया कि हेड कांस्टेबल हरिशंकर सिंह व हिरदेश कुमार प्रथम दृष्टया लाइन हाजिर किया जा चुका है। जांचोपरांत अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें निलंबित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मनोज कुमार का सदर अस्पताल में चिकित्सा परीक्षण हुआ है। उनको अंदरूनी चोटे आई है, चिकित्सकों की सलाह पर मनोज कुमार का एक्स-रे व अन्य जांच हो रहा है। चुकी घटना जीआरपी के क्षेत्राधिकार का है, इसलिए जीआरपी ही इस मामले में एफआईआर करेगी। हम इसमें कुछ नहीं कह सकते हैं।
जैनेंद्र मिश्र, उप निरीक्षक आरपीएफ
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