अंत समय प्रभु का नाम लेने से मिलता है मोक्ष : कन्हैया पाण्डेय
बलिया। शहर के स्टेशन मालगोदाम रोड पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथामर्मज्ञ पंडित कन्हैया पांडेय ने कहा कि अंत समय में यदि प्रभु का नाम आ जाये तो मुक्ति मिल जाती है, ऐसा पुराणों में भी लिखा हुआ है। लेकिन इसके लिए आपको पहले से ही भक्ति के मार्ग पर चलना होगा। उन्होंने प्रभु के नाम की महिमा का बड़े ही सुन्दर रूप में वर्णन किया।
कहा कि ऐसा कार्य करना चाहिए कि अंत समय में नारायण का स्मरण जरूर हो। इसके लिए बराबर प्रयास कारना होगा। जिस तरह एक छोटे विद्यार्थो को मां बाप स्कूल के कक्षा में बैठाने का प्रयास करते है और उसे धीरे धीरे अपनी कक्षा में बैठने की उसकी आदत पड़ जाती। इसी तरह हमें प्रभु को नाम बराबर स्मरण करना पड़ेगा और धीरे-धीरे प्रभु के चरणों का भक्त बनना पड़ेगा। यही वह मार्ग है जिसपर चलकर प्राणी मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। इसके कई उदाहरण कथा के माध्यम से स्रोताओं को सुनाया।
कथामर्मज्ञ पंडित कन्हैया जी ने भक्ति और शरणागति के सूत्र को कई रूपों में वर्णन किया। कहा कि चाह में चाह मिलाने को भगवान की भक्ति कहते है। अपने को भगवान के चरणों में मन, वाणी व सबकुच समर्पित कर देना भक्ति है। आप अपने आपको बिल्कुल छोटा समझिए। कथा में सृष्टि की रचना को बहुत ही सुन्दर रूप में बताया। आचार्य राजेश पाण्डेय, संजय चतुर्वेदी, कृष्णा पाण्डेय, राजीव चौबे ने विधि विधान से पूजन-अर्चन किया।
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