बेवफाई का सिंबल : धोखेबाज पत्नियों के लिए हरी टोपी पहनने का रिवाज !

बेवफाई का सिंबल : धोखेबाज पत्नियों के लिए हरी टोपी पहनने का रिवाज !

चीन की एक ऐसी प्रथा जिसमें पत्नी के धोखा देने पर पति को हरी टोपी पहनना पड़ता है। यह प्रथा करीब 800 साल पुरानी है। इन दिनों यह प्रथा सोशल मीडिया पर दोबारा चर्चा में है।

Viral News : आपको लगता है कि फैशन में हरे रंग की टोपी पहनना ट्रेंडी है, तो जरा ठहरिए। चीन में ऐसा करने से पहले लोग कई बार सोचते हैं, वरना लोग उन्हें प्यार में धोखा खाया इंसान समझकर दया करने लगते हैं। जी हां ! चीन में अगर किसी आदमी ने हरी टोपी पहन ली, तो इसका सीधा-सीधा मतलब ये होता है कि उसकी पत्नी ने उसे धोखा दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर 'हरी टोपी' कैसे बेवफाई का सिंबल बन गई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब दो हजार साल पहले के चीन में हरे रंग को बहुत ही निचले दर्जे का रंग माना जाता था। उस समय लाल, पीला, नीला, सफेद और काला रंग ही पॉपुलर था। इन्हीं रंगों को सम्मान के तौर पर शामिल किया जाता था। चूंकि हरा रंग नीले और पीले रंग को मिलाकर बनता है। इसीलिए चीनी समाज में इसे शुद्ध नहीं माना जाता था। राजाओं, मंत्रियों और बड़े अधिकारियों के कपड़े इन पांच रंगों के ही होते थे, जबकि हरा रंग निचले दर्जे के अधिकारियों या आम लोगों के लिए छोड़ा गया था।

यह भी पढ़े Road Accident में युवक ने गंवाई जान, तीन रेफर

तांग राजवंश (618–907 ई.) के दौरान एक अधिकारी ली फेंग ने अपने कर्मचारियों को सजा देने का नया तरीका निकाला। उस दौरान गलती करने वाले कामगारों को सिर पर हरा स्कार्फ पहनाया जाता था। जितनी बड़ी गलती, उतने दिन तक हरे स्कार्फ के साथ घूमना पड़ता था। इस तरह यह सार्वजनिक अपमान का प्रतीक बन गया। इसके बाद उत्तरी सोंग राजवंश (960 AD to 1279 AD) में जिन अधिकारियों ने अपने राजा को धोखा दिया, उन्हें हरे कपड़े पहनने की सजा दी जाती थी। यानी इस समय तक आते-आते हरा रंग गद्दारी का सिंबल बन गया।

यह भी पढ़े फेफना खेल महोत्सव : क्लस्टर चार का आगाज, कबड्डी में इंदरपुर और आरके मिशन स्कूल ने मारी बाजी 

युआन राजवंश (1271–1368 ई.) में सरकार ने एक नया नियम लागू किया। इस नियम के तहत जिन पुरुषों की पत्नी या महिला रिश्तेदार वेश्यावृत्ति करती थीं, उन्हें सिर पर हरे रंग का कपड़ा पहनना होगा। इससे समाज को दूर से ही पता चल जाता था कि इस व्यक्ति के घर की महिला चरित्रहीन है। यह प्रथा मिंग राजवंश (1368–1644 ई.) तक चली और यहीं से हरी टोपी पहनना एक अपमानजनक कहावत बन गई, यानी वो आदमी जिसकी पत्नी बेवफा है। आज भी चीन में कोई पुरुष अगर हरी टोपी पहन ले, तो लोग उसका मजाक उड़ाते हैं। 2021 में जब चीनी गायक और अभिनेता गु जियाचेंग ने हरी टोपी में अपनी फोटो शेयर की, तो इंटरनेट पर बवाल मच गया था।

Tags:

Post Comments

Comments

Latest News

बलिया के दिवंगत शिक्षक की पत्नी को टीएससीटी से मिला 50 लाख बलिया के दिवंगत शिक्षक की पत्नी को टीएससीटी से मिला 50 लाख
बलिया : टीचर्स सेल्फ केयर टीम (TSCT) ने जिले के जीएमएएम इंटर कालेज (बिल्थरारोड) के दिवंगत शिक्षक शाहनवाज अहमद की...
29 December Ka Rashifal : क्या कहते हैं आपके सितारे, पढ़ें आज का राशिफल
बलिया में भीषण Road Accident : तेज रफ्तार पिकअप की टक्कर से सहायक अध्यापक की दर्दनाक मौत
बलिया में महिला की मौत... अंतिम संस्कार को लेकर विवाद
बलिया में पिकअप बनी काल, कुचलकर मासूम बच्चे की दर्दनाक  मौत
रूप-अरूप और मां मुझे टैगोर बना दे के नाम रहा संकल्प रंगोत्सव का दूसरा दिन
Ballia News : प्रगतिशील ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने रणजीत सिंह को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी