बलिया : अपरहण कर दरिदें के हाथ बेची गई थी नाबालिग लड़की, पति-पत्नी समेत तीन को जेल
बैरिया, बलिया। बैरिया थाना क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की को मीरा देवी द्वारा अपने पति भगवान उर्फ बल्लर के साथ मिलकर भगाने, फिर राजेश राय को बेचने तथा राजेश राय द्वारा लड़की के साथ बलात्कार करने के मामले में न्यायालय बलिया ने सजा सुनाया है।घटना 18 जून 2017 की है। बैरिया थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग बालिका अपने घर से सामान लेने बाहर गयी, पर वापस नहीं आयी। घर वालों ने काफी खोजबीन की पर बलिका नहीं मिली। इस सम्बन्ध में बैरिया थाने में लड़की के भाई द्वारा अज्ञात के विरुद्घ मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता मिली, जिसका 161 व 164 CRPC के तहत बयान कराया गया। पीड़िता द्वारा यह बताया गया कि घटना के समय वह सामान लेकर वापस आ रही थी तो मीरा देवी पत्नी भगवान उर्फ बल्लर (निवासी दयाछपरा, थाना बैरिया) ने अपने घर बुलाया गया। चाय पिलाया गय़ा, तभी से मेरा दिमाग काम करना बन्द कर दिया। मीरा देवी द्वारा अपने पति भगवान के साथ मिलकर हमको राजेश राय के हाथ बेच दिया गया। राजेश राय हमको छत्तीसगढ़ ले जा कर कमरे में बलात्कार किया। इस सम्बन्ध में थाना बैरिया पर धारा 363, 372, 376 भादवि व 3/4 पाक्सो एक्ट बनाम मीरा देवी व श्रीभगवान एवं धारा 363, 372, 373, 376 भादवि व 3/4 पाक्सो एक्ट बनाम राजेश राय का अभियोग पंजीकृत किया गया। मंगलवार को नामजद तीनों अभियुक्तों मीरा देवी, श्रीभगवान व राजेश राय को न्यायालय (ASJ अष्ठम्/स्पेशल कोर्ट पाक्सो एक्ट) बलिया द्वारा सजा सुनायी गयी।
1.श्रीभगवान उर्फ बल्लर पुत्र राम जी निवासी दया छपरा थाना बैरिया, बलिया को धारा 363 भादवि में 07 वर्ष का कारावास व 5000 रु. का अर्थदण्ड, धारा 372 भादवि में 10 वर्ष का कारावास व 10000 रु. का अर्थदण्ड।
अभियुक्त मीरा देवी पत्नी श्रीभगवान निवासी दया छपरा थाना बैरिया जनपद बलिया को धारा 363 भादवि में 07 वर्ष का कारावास व 5000 रू. का अर्थदण्ड व धारा 372 भादवि में 10 वर्ष का साधारण कारावास व 10000 रु. का अर्थदण्ड।
अभियुक्त राजेश राय पुत्र हरेन्द्र राय निवासी धनाव थाना बनियापुर जिला सारण बिहार को धारा 363 भादवि में 07 वर्ष का कारावास व 5000 रु. का अर्थदण्ड, धारा 373 भादवि में 10 वर्ष का कारावास व 10000 रु. का अर्थदण्ड, धारा 376 भादवि में आजीवन कारावास व 20000 रु. का अर्थदण्ड, धारा 3/4 पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 20000 रू. का अर्थदण्ड के दण्ड से दण्डित किया गया।
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