बलिया : दर-दर भटकने को मजबूर हैं गरीब मजदूर, क्योंकि...
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मझौवां, बलिया। विकास खंड बेलहरी की ग्राम पंचायत गंगापुर में सैकड़ों ऐसे गरीब, मजदूर परिवार हैं, जो हर रोज कमाना हर रोज खाना की स्थिति से अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। लेकिन करोना रूपी महामारी के चलते सब कुछ बंद हो जाने के कारण इन गरीब-मजदूरों का रोजी-रोटी छिन गया है। सरकार ने अधिकारियों को निर्देशित तो किया कि कोई भी गरीब परिवार मजदूर लाचार भूखा नहीं रहेगा, तब तक तो इन गरीबों को लगा कि हमें भी सरकार के तरफ से मदद जरूर मिलेगी, लेकिन अंत्योदय राशन कार्ड और जॉब कार्ड में नाम ना होने के कारण इनको अभी तक सरकारी सहायता के नाम पर राशन तो दूर फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हुआ। पिछले दिनों प्रधानमंत्री द्वारा दोबारा लाक डाउन की घोषणा होते ही इन गरीब मजदूर परिवारों का होश उड़ गया कि हम लोगों को सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं मिल रहा है। हम लोगों के पास जो भी बचा खुचा था, सब खत्म हो गया है। अब कहां से खाने-पीने का व्यवस्था करेंगे।
ये है स्थिति
ग्राम पंचायत गंगापुर में तीन कोटेदार है, जिसमें कोटेदार अरविंद सिंह के यहां अंत्योदय कार्ड 134, पात्र गृहस्थी कार्ड 549 है। वही, चंद्रावती देवी के यहां अंत्योदय कार्ड 30, पात्र गृहस्थी 211 तथा मीना देवी के यहां अन्त्योदय कार्ड 26 व पात्र गृहस्थी का 217 कार्ड सूचीबद्ध है। लेकिन इसमें कोटेदार व रसूखदार लोगों की मेहरबानी के चलते आर्थिक रूप से सक्षम वाले लोगों का अंत्योदय कार्ड काफी संख्या में है। इसकी जानकारी ग्राम पंचायत से ब्लॉक स्तर तथा राशन व खाद आपूर्ति विभाग तक को है, लेकिन कोई भी जिम्मेवार व्यक्ति सामने आकर इन गरीब व लाचार मजदूर लोगों का अन्न खाने वाले धन्ना सेठों के खिलाफ करवाई करने से कन्नी काटते रहे हैं।
यह काम राजस्व विभाग व ब्लॉक के आधीन : सप्लाई इंस्पेक्टर
इस जटिल समस्या को लेकर रसद व खाद विभाग के सप्लाई इंस्पेक्टर राहुल भारती से जानकारी ली गयी। उन्होंने कहा कि यह हमारा कार्य नहीं है, यह कार्य राजस्व विभाग वह ब्लॉक स्तर का कार्य है। ग्राम पंचायत गंगापुर में 80 फ़ीसदी राशन कार्ड बन चुका है। अब नहीं बनेगा। यदि जांच करके ग्राम पंचायत सचिव व बीडीओ देंगे, तब राशन अपात्रों का नाम काट कर पात्रों का नाम जोड़ा जाएगा।
पात्र परिवारों का नाम सम्बंधित अधिकारी को दे दिया गया है : ग्राम पंचायत अधीकारी
इस सम्बंध में ग्राम पंचायत गंगापुर के सचिव अशोक कुमार मिश्रा से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि लगभग 150 व्यक्ति ऐसे है, जिनका नाम राशन कार्ड में नहीं है। उसे ऑनलाइन करा कर जोड़ने के लिए संबंधित अधिकारी को दे दिया गया है।
यक्ष सवाल
यहां सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि कोई भी अपनी जिम्मेदारी को जिम्मेदारी नहीं समझ रहा है। अधिकारियों को कौन कहें, गांव के प्रधान तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर रहे। कटान प्रभावित गरीब, लाचार, मजदूर असहाय व्यक्तियों को उनके बदहाल स्थिति पर कब जिम्मेदार सजग होंगे, कहना मुश्किल है।
हरेराम यादव
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