शिक्षा निदेशक ने किया ऑनलाइन स्कूल लीडरशीप का शुभारंभ, बलिया से जुड़े ये शिक्षक
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बलिया। राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान उत्तर प्रदेश व एजुलीडर्स यूपी द्वारा आयोजित 10 दिवसीय वेबिनार आधारित ऑनलाइन नेतृत्व क्षमता विकास कार्यशाला का उद्घाटन प्रदेश के बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने किया। राष्ट्रीय शैक्षिक एवं प्रबंधन विश्वविद्यालय न्यूपा नई दिल्ली द्वारा शिक्षकों के नेतृत्व क्षमता विकास हेतु विकसित 10 दिवसीय लीडरशीप पाठ्यक्रम पर आधारित इस 10 दिन व 15 घण्टे के वेबिनार का आयोजन बस्ती जनपद के राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्राप्त शिक्षक डॉ सर्वेष्ट मिश्र कर रहे हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा कि बच्चे उन लोगों से नही सीखते जिनको वह पसंद नहीं करते। अतः बच्चों का पसंदीदा बनें। जिससे बच्चों को सीखने में मजा आए। उन्होंने कहा कि बच्चों के प्रयासों की प्रशंसा करें। जिनके प्रयासों की प्रशंसा की जाती हैं वह अपने जीवन मे बेहतर करते हैं। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि उन्हें अपने व्यतित्व की अच्छाइयों व बुराइयों की स्वयं लिस्ट बनानी चाहिए और उसमे जो चीजें ज्ञान व टैलेंट से जुड़ी हों उसे उभारना चाहिए। जो काम आप नहीं करना चाहते व जिससे ऊर्जा प्रभावित होती हैं व समय नष्ट होता हैं, उन्हें त्याग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करें। हर व्यक्ति के मन में एक सपना बुनना सिखाएं, इससे एक प्रेरणा प्राप्त होती हैं।
उन्होंने कहा कि जो भी बच्चे हमारे पास आते है वह विभिन्न कठिनाइयों व अभावों से ग्रसित होते हैं, उन्हें स्नेह मिलता हैं तो उन्हें लगता हमारा समय अच्छा बीत रहा है। बच्चों को आत्म- अभिव्यक्ति से प्रेरित लेखन हेतु प्रोत्साहित करें। और उन्हें अपने माँ के नाम पत्र लिखने को कहें। ऐसे पत्रों को शेयर भी करें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वह अपने जीवन में आए अपने आदर्श शिक्षकों तथा 2-3 ऐसे व्यक्तियों का नाम की सूची बनाने को कहा जिन्होने उनकी प्रशंशा की हो।
विशिष्ट अतिथि राज्य शैक्षिक एवं तकनीकी संस्थान की निदेशक सुश्री ललिता प्रदीप ने कहा कि अच्छा नेता वहीं होता हैं जो अपने पीछे फॉलोवर नहीं बल्कि नेता विकसित करता हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने गुणों, प्रतिभा का उपयोग अपने हर रोल /पद पर रहकर करना चाहिए।
न्यूपा नई दिल्ली की विशेषज्ञ डॉ चारु मलिक ने कहा लीडरशिप के माध्यम से ज्ञान, कौशल, एटीट्यूड को विकसित करना हैं। ज्ञान के घटक अलग- अलग हो सकते हैं। ज्ञान ज़रूरी हैं, विद्यालय संचालन के लिए। कौशल लीडरशिप में सहायक हैं। एटीट्यूड सकरात्मक होना चाहिए जिससे कि हम समस्यायों का सामना कर सके, उससे भागे नहीं।
आस्ट्रेलियन काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च की विशेषज्ञ श्रीमती अनुराधा शर्मा ने कहा कि शिक्षक किस प्रकार अपने कुशल नेतृत्व से समाज की दिशा बदल सकते हैं। एचसीएल फाउंडेशन की सुधा कुमारी व आशीष कुमार सिंह ने लॉकडाउन में बच्चों को पढ़ने व व्यस्त रखने हेतु संस्था के के प्रयासो की जानकारी दी।
कार्यशाला संयोजक राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक डॉ सर्वेष्ट मिश्र ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए सभी 75 जनपदों से जुड़े सभी 250 शिक्षकों का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि जब बच्चा पहले दिन स्कूल आता हैं, उसके पहले दिन की कॉपी या उसके कार्यों को संजो कर रखे। समय के साथ उसमे आये हुए परिवर्तन को आप देख सकते हैं।
उन्होंने बच्चों को आत्म- अभिव्यक्ति का अवसर देने केंलिए सबसे अच्छा समय विद्यायल प्रार्थना सभा को बताया। उन्होंने कहा कि इस लीडरशिप कार्यक्रम के अंतर्गत विशेषज्ञ अगले 10 दिनों तक पूर्व निर्धारित सत्र व विषयवार अपने विचार रखेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश में अपनी लीडरशिप सिद्ध कर चुके कुल 10 परिषदीय शिक्षक अपने सफलता के अनुभव साझा करेंगें।इस तरह राज्य स्तर पर प्रशिक्षित शिक्षक अपने जिलो में ऐसे ही शिक्षकों का समूह बनाकर उन्हें प्रशिक्षित करेंगे।
बलिया के प्रतिभागी शिक्षक
रंजना पाण्डेय, नन्द लाल शर्मा, संतोष चंद तिवारी, प्रतिमा उपाध्याय, अजीत कुमार सिंह, शंकर रावत, राजीव कुमार मौर्य सहित 13 शिक्षको ने जिला बलिया से कार्यक्रम मे प्रतिभाग किया l
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