बलिया : सैन्य अफसर बन पहली बार गांव पहुंचे शिक्षिका पुत्र लेफ्टिनेंट शुभम मयंक सिंह का भव्य स्वागत
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बलिया : भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पहली बार घर पहुंचे शुभम मयंक सिंह का जोरदार स्वागत रेलवे स्टेशन पर रिश्तेदारों व शुभचिंतकों ने किया। वही, नौजवानों ने अति उत्साह में शुभम मयंक सिंह को गोदी में उठाकर स्टेशन परिसर से बाहर लाया। वहीं, अपने बेटे का स्वागत करते हुए शिक्षिका मां मंजू सिंह के आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। अपनों के प्यार से अभिभूत शुभम मयंक भी भावविह्वल नजर आये।
बलिया शहर के अधिवक्ता नगर में रहने वाले कुरेजी के मूल निवासी डॉ. शिवमूर्ति सिंह व श्रीमती मंजू सिंह के पुत्र शुभम मयंक सिंह ने गुजरात में आर्मी स्कूल से 12वीं पास कर NDA में दाखिला प्राप्त किया। 3 साल पूणे के रक्षा अकादमी में पढाई व ट्रेनिंग के बाद एक साल देहरादन के भारतीय रक्षा अकादमी की ट्रेनिंग पूरी कर शुभम मयंक ने 8 जून को राजपूत रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट पद पर कमीशन प्राप्त किया है।

शुभम मयंक ने बताया कि वह स्कूली शिक्षा के दौरान ही सेना में अफसर बनने का संकल्प ले लिया था। संकल्प को साकार करने के लिए ईमानदारी से मेहनत किया, जिसका प्रतिफल शानदार मिला। लेफ्टिनेंट शुभम मयंक सिंह ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारतीय आर्मी की बहुत प्रतिष्ठा है। इसका अंग बनकर देश की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात है।
शिक्षिका पुत्र है शुभम मयंक
शुभम मयंक की मां उच्च प्राथमिक विद्यालय चन्द्रशेखर नगर में सहायक अध्यापिका है, जिनका शुभम पर गहरा प्रभाव है। शुभम मयंक के मामा शिक्षक विनायक शरण सिंह ने कहा कि वह एक समझदार संवेदनशील व साहसी छात्र है। लेफ्टिनेंट बनकर पहली बार सरयू यमुना एक्सप्रेस से बलिया प्लेटफार्म पर अपने माता-पिता के साथ उतरते ही शुभम मयंक का सभी ने फूल-माला से स्वागत किया। इस अवसर पर प्रेमसागर सिंह, विद्यासागर सिंह, ओंकारनाथ सिंह, भूपेश सिंह, अंजनी सिंह, लड्डुपाण्डेय, कृष्णा विक्रम, मंटू प्रसाद, शशि प्रकाश सिंह अजय शंकर सिंह, आकाश, स्कन्द इत्यादि उपस्थित थे।

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