Shashi Premdev
गजल 

फूल हूं...  तासीर मेरी तितलियों से पूछना

फूल हूं...  तासीर मेरी तितलियों से पूछना ग़ज़ल कब कहा मैंने किसी क़तरे से कुछ ज़्यादा हूँ मैंहाँ,  मगर सूखे  हुए दरिया से तो अच्छा हूँ  मैं शहर में आया हुआ  हूँ ... गाँव का बन्दा हूँ मैंया कहूँ कि भीड़ में बिछडा हुआ बच्चा...
Read More...

Advertisement