किसान सम्मान निधिः नहीं मिल रहा लाभ, होने लगा मोहभंग
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सुखपुरा,बलिया । केंद्र की राजग सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना का दायरा भले ही बढ़ा दिया है लेकिन आज तक पात्र ज्यादातर किसानों के खाते में इस योजना की प्रथम किस्त भी नहीं पहुंच पाई। इससे किसानों में सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना से मोहभंग होने लगा है।सरकार ने चुनाव के पूर्व इस योजना के तहत लघु एवं सीमांत कृषकों के खाते में सालाना 6000 रूपये देने का वायदा तीन किस्तों में किया था।आनन-फानन में इस योजना का क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया।लेखपाल से लगायत कृषि विभाग के कर्मचारी व अधिकारी लग गए जिसकी बदौलत चुनाव के पूर्व कुछ किसानों के खाते में योजना की पहली किस्त 2000 रूपये आ गई लेकिन अधिकांश किसान प्रथम किस्त से भी वंचित रह गए जो आज भी वंचित हैं। इसी बीच चुनाव की घोषणा हो गई आदर्श आचार संहिता लागू हो गया लोगों ने समझा कि आदर्श आचार संहिता के कारण इस योजना की प्रथम किश्त वंचित किसानों के खाते में नहीं आ रही है।
आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद किसानों के खाते में योजना की प्रथम किस्त आनी शुरू हो जाएगी लेकिन आदर्श आचार संहिता के समाप्त हुए भी लगभग एक माह से उपर हो गये,नये सांसदों ने शपथ भी ले लिया बावजूद इसके आज भी पात्र किसानों के खाते में योजना की पहली किस्त नहीं पहुंच पाई।आज किसान इसको लेकर काफी परेशान है।किसानों ने जब लेखपाल से इस संदर्भ में प्रश्न किया तो लेखपाल ने कहा कि वह किसानों के संबंधित कागजात तहसील मुख्यालय पर जमा कर दिए हैं ।तहसील मुख्यालय से भी पता चल रहा है कि तहसील मुख्यालय भी अधिकांश किसानों के कागजात आनलाइन कृषि विभाग को स्थानांतरित कर दिया है।कृषि विभाग किसानों के हक पर पता नहीं किन कारणों से कुंडली मारे बैठा है।कस्बा और आसपास के प्रबु( एवं पात्र किसानों ने सरकार से विशेषकर कृषि विभाग से वंचित किसानों के खाते में योजना की पहली किस्त तत्काल भेजने का अनुरोध किया है।अन्यथा की स्थिति में किसानों का कहना है कि हम इस योजना का लाभ लेने के लिए आंदोलन करने से भी नहीं हिचकिचायेंगे।
रिपोर्ट- डा. विनय कुमार सिंह
Tags: गांव जवार

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