Vindhyachal Singh
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Read More... वादा तुझे निभाना ही था...
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By Purvanchal 24
बारिश ! तुमको आना ही था गर्मी ने था खूब सतायाउमस पसीना खूब बहायाजीव-जन्तुओं को तड़पायाजमकर अपना रंग दिखाया एकदिन उसको जाना ही थाबारिश ! तुमको आना ही था। धरती मां का हृदय जुड़ायापत्ता-पत्ता धुला... छलक न जाये दर्द कहीं...
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By Purvanchal 24
इसीलिए हंसते रहते हो गम को छिपाये अंदर में होबेगम से दिखते रहते हो। अनुभव की अनमोल किताबेंपड़े-पड़े लिखते रहते हो। सागर में मोती जैसे होबिना मोल बिकते रहते हो। किनकी मुस्कानों की खातिरपल-पल यूँ मिटते... तुम न उनसे हार जाना...
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By Purvanchal 24
तुम न उनसे हार जानाराह में अगणित भले अवरोध आयेंरोक देने को तुझे प्रतिरोध आयेंभौंह टेढ़ी कर प्रचण्ड विरोध आयेंतमतमाये लाल पीले क्रोध आयें किन्तु रण में पीठ अपनी न दिखानातुम न उनसे हार जाना।... वो तुम्हारे तोड़ने की जिद थी, ये हमारे जोड़ने की जिद है...
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By Purvanchal 24
जोड़ने की जिद पता नहीं क्योंमुझे बार-बारतोड़ा गयापत्थर सेफोड़ा गयाऔर बनाकर मेरेनन्हें-नन्हें टुकड़ेफेंक दिया गयादूर-दूर तक, ताकिधूप में सूख जाऊँशीत में गल जाऊँधूल में मिल जाऊँ; हुआ कुछ अलग,... हिन्दी दिवस : संस्कृति की सरिता बन सतत प्रवाहमान है, विश्व में भी गूंज रहा...
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By Purvanchal 24
हिन्दी दिवस पर मेरा सबको प्रणाम है हिन्दी है, जो हमारे भारत की पहचान है।हिन्दी है, जो हम भारतीयों की जान है।मिश्र, भट्ट भारतेन्दु जी का स्वाभिमान है।कभी यह रहीम तो कभी यह रसखान है। मीठी लगे... 
