बलिया : इन गांवों के प्रधानों के घर की शोभा बढ़ा रहे पंचायत भवनों को हाईटेक बनाने वाले कंप्यूटर, प्रशासन मौन
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बलिया : सरकार, ग्राम पंचायतों को हाईटेक करने का हर जतन कर रही है। लाखों रूपये खर्च किया जा रहा ताकि ग्रामीणों को आवश्यक सुविधाएं गांव पर ही मिल सके। लेकिन सरकारी मुलाजिमों की लापरवाही से यह योजना औंधे मुंह हो गई है। शासन के निर्देश पर ग्राम प्रधानों व सचिवों ने कंप्यूटर, फर्नीचर, इनवर्टर, पंखा आदि खरीद तो लिए लेकिन, पंचायत भवनों की बजाए यह उनके घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। सुविधाओं के अभाव में पंचायत सहायक चाह कर भी अपना काम नहीं कर पा रहे हैं।
शासन के निर्देश पर पंचायत भवनों का कायाकल्प और हाईटेक करने के नाम पर भारी भरकम धनराशि खर्च की गई है। जिसमें पंचायत भवन के लिए फर्नीचर, कंप्यूटर, प्रिंटर, इनवर्टर और बैटरी हेतु 1.75 लाख रुपए की व्यवस्था थी। लेकिन ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों की मिलीभगत से पंचायत भवन अभी भी बदहाल पड़े हैं।
मंगलवार को पड़ताल में पंदह ब्लॉक की दर्जन भर ग्राम पंचायतों में कई प्रकार की अव्यवस्था सामने आईं। दर्जन भर ग्राम पंचायतों के कंप्यूटर/प्रिंटर प्रधान के घर होने की ग्रामीणों ने जानकारी दी। जबकि कुछ एक ग्राम पंचायतों में मॉनिटर तो है लेकिन सीपीयू के अभाव में कबाड़ बना हुआ है। वहीं कुछ ऐसी भी ग्राम पंचायतें हैं जहां ये सामना महीनो से खराब पड़े हैं।
यहां प्रधान के घर से संचालित हो रही व्यवस्था
यूं तो शासन ने पंचायत भवनों को मिनी सचिवालय का दर्जा दे रखा है लेकिन सुविधा के अभाव में पंदह ब्लॉक की एक दर्जन ग्राम पंचायतें बेकार साबित हो रही हैं। पड़ताल के दौरान ब्लॉक क्षेत्र के एकईल, बहेरी, भूड़ाडीह, पहराजपुर, उकछी, चकबहाउद्दीन, जोगेसरा, सलेमपुर ग्राम पंचायतों के कंप्यूटर और प्रिंटर प्रधान के घर होने की बात सामने आई। जबकि गौरी में मॉनिटर तो है लेकिन सीपीयू ही मौजूद नहीं है। इसके अलावा क्षेत्र के मुड़ेरा, बनकटा कला सहित चार गांवों का कंप्यूटर बीते पांच माह से खराब है।
स्टेशनरी का अभाव झेल रहीं पंचायतें
प्रत्येक ग्राम पंचायत स्टेशनरी पर सालाना 16 हजार रुपए खर्च करती है। यह धनराशि गोंद, पेन, इरेजर, इंक, फाइल, पेपर पिन, स्टेपलर और प्रस्ताव की कॉपी पर खर्च ही जाती है। पर विडंबना यह है की ब्लॉक के एकइल, बहेरी, मुड़ेरा, उकछी, जोगेसरा, खेजुरी, रक्सा डैनिया, पंदह, सलेमपुर, मेऊली कानसपुर और गौरी में सालों से स्टेशनरी नही खरीदी गई। जबकि नियत धनराशि का समय समय पर भुगतान होता रहा है।
इंटरनेट कनेक्शन के बगैर ही हाईटेक हो गईं पंचायतें
प्रत्येक ग्राम पंचायतों ने गेटवे पोर्टल के जरिए पौने दो लाख की लागत से कंप्यूटर, इनवर्टर, फर्नीचर, पंखा, आदि सामग्री खरीदी। जबकि अभी तक तमाम पंदह ब्लॉक की एक दर्जन ग्राम पंचायतें पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाई हैं। खासकर वे ग्राम पंचायतें जहां के कंप्यूटर प्रधान के घर पर रखा गया है। वहां न इंटरनेट की व्यवस्था हो पाई है और न ही इनवर्टर और बैटरी ही लगा है।
इन योजनाओं का देना था लाभ
पंचायत भवन से ही जन्म-मृत्यु पंजीकरण, परिवार रजिस्टर की नकल, ई-ग्राम स्वराज के भुगतान, कार्य योजना की फीडिंग, ग्राम सभा की बैठकों में योगदान, मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण, मनरेगा मस्टर रोल सहित सभी आनलाइन फीडिंग करना पंचायतों का कार्य निर्धारित है। लेकिन लचर व्यवस्था के कारण पंचायत भवनों में कहीं ताला लटका रहता है तो कहीं सभी संसाधन व्यक्तिगत कार्य के प्रयोग किए जा रहे हैं।
यदि कंप्यूटर और प्रिंटर प्रधान अपने घर रखे हैं तो इसकी जांच होगी। सभी आवश्यक संसाधन पंचायत भवनों को उपलब्ध कराया जाएगा और व्यवस्था को सुचारू करने का प्रयास होगा, ताकि लोगों का सहयोग हो सकें।
शिवांकित वर्मा, बीडीओ पंदह, बलिया।
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