मानवाधिकार के लिए समर्पित रहा जेपी एवं चितरंजन सिंह का जीवन : रामाधीन सिंह
बलिया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 118 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर स्थानीय टाउनहॉल बापूभवन में शनिवार को लोक स्वातंत्रत संगठन (पीयूसीएल) इकाई बलिया के तत्वावधान में जयप्रकाश नारायण जयंती एवं चितरंजन सिंह स्मृति सभा व विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें लोगों ने बलिया के दोनों सपूतों के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नमन किया।विचार गोष्ठी के विषय 'मानवाधिकार एवं दायित्व बोध' पर बोलते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रामाधीन सिंह ने कहा कि मानव अधिकारों की रक्षा के लिए जयप्रकाश नारायण एवं चितरंजन सिंह ने अपना पूरा जीवन लगा दिया। देश में जहां-जहां भी राजसता द्वारा मानवाधिकार हनन की घटनाएं सामने आती थीं तो सबसे पहले उसके खिलाफ चितरंजन सिंह उठ खड़े होते थे। उनमें जुल्म,ज्यादती के विरुद्ध आवाज उठाने की अदभुत क्षमता थी, इसलिए आज उनके नहीं रहने पर हम मानवाधिकार कार्यकर्ता अपने को असहाय एवं नेतृत्व विहिन समझ रहे हैं। गोष्ठी में विषय प्रवर्तन जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह एडवोकेट ने किया तथा जे.पी.सिंह द्वारा चितरंजन सिंह पर लिखित कविता का वाचन अखिलेश सिन्हा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूपी बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष के.एन.उपाध्धाय एवं संचालन पीयूसीएल के वरिष्ठ साथी एवं युवा समाजसेवी गोपाल जी ने किया। इस अवसर पर सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के अनुज मोहन सिंह, चितरंजन सिंह के छोटे भाई मनोरंजन सिंह, अनिल सिंह, अजय सिंह, असगर अली, पंकज राय, शैलेश धुसिया, सुरेंद्र सिंह, द्विजेन्द्र मिश्र, अमरनाथ यादव, अरूण सिंह, बलवंत यादव, लक्ष्मण सिंह, सूर्य प्रकाश सिंह, ब्रजेश राय, डा. इलियास,केशव सिंह, अरविन्द सेंगर, बलजीत सिंह, सुनील सिंह गुडलक, उदय नारायण सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।
Comments