योगी सरकार का एक्शन : आवास में धांधली करने वाले बलिया के दो अधिकारी सस्पेंड, होगी रिकवरी




साल 2012- 13 में नगरा ब्लॉक में कार्यरत रहते हुए तत्कालीन सचिव और सेक्टर प्रभारी ने मिलीभगत कर अनुसूचित वर्ग के आवासों को सामान्य वर्ग के व्यक्ति में बांट दिया था। इसकी शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर की गई थी। शिकायत के क्रम में गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परियोजना निदेशक डीआरडीए ने निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी थी।
नगरा ब्लॉक में कार्यरत रहते हुए की थी कूटरचना
वर्ष 2012-13 में नगरा ब्लॉक के उरैनी ग्राम पंचायत में इंदिरा आवास का आवंटन किया गया था। ग्रामीणों की ओर से आवंटन में धांधली की शिकायत जिलाधिकारी व आईजीआरएस पोर्टल पर की गई थी। आरोप है कि सामान्य वर्ग के लोगों की जाति बदलकर अनुसूचित वर्ग का आवास आवंटित कर दिया गया। जिसकी जांच के लिए खंड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई। जांच टीम ने पाया कि 15 इंदिरा आवासों को सामान्य जाति के लोगों की जाति बदलकर आवंटित कर दिया गया है।
इतना ही नहीं, कई आवास सेवानिवृत्त कर्मचारियों और पूर्व में आवास का लाभ प्राप्त कर चुके लाभार्थियों को भी दिया गया था। आवास आवंटन की हकीकत सामने आने के बाद जांच टीम ने तत्कालीन सचिव परमेश्वर यादव और तत्कालीन सेक्टर प्रभारी रमाकांत राम (सहायक विकास अधिकारी कृषि) को दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए
जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने तत्कालीन सचिव के निलंबन के लिए ग्राम विकास आयुक्त और सेक्टर प्रभारी सहायक विकास अधिकारी कृषि रामाकांत राम के निलंबन के लिए कृषि आयुक्त आजमगढ़ को संस्तुति भेज दी। जिलाधिकारी की संस्तुति पर दोनों को निलंबित कर दिया गया। परियोजना निदेशक उमेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि दोनों दोषी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, साथ ही आवास की धनराशि की रिकवरी की कार्रवाई भी प्रस्तावित है।

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