हिन्दी दिवस : संस्कृति की सरिता बन सतत प्रवाहमान है, विश्व में भी गूंज रहा...
On




हिन्दी दिवस पर मेरा सबको प्रणाम है
हिन्दी है, जो हमारे भारत की पहचान है।
हिन्दी है, जो हम भारतीयों की जान है।
मिश्र, भट्ट भारतेन्दु जी का स्वाभिमान है।
कभी यह रहीम तो कभी यह रसखान है।
मीठी लगे ऐसी जैसी मिश्री मिष्ठान्न है।
माँ ने बनाया है ज्यों मीठा पक्वान्न है।
संस्कृति की सरिता बन सतत प्रवाहमान है।
विश्व में भी गूंज रहा, जिसका यशोगान है।
यह भी पढ़े बीएसए को कोर्ट से नहीं मिली राहत
धर्म और दर्शन का भरा जहाँ ज्ञान है।
सम्यक् जीवन निर्वाह का विधान है।
रस, छंद और अलंकारों की खान है।
सभी देशवासियों की आन बान शान है।
भारत के नभ पर जो नीला वितान है।
उसको चमकाता दमकाता दिनमान है।
हिन्दी दिवस पर मेरा सबको प्रणाम है।
सभी को बधाई हो सभी को राम राम है।
विंध्याचल सिंह
बुढ़ऊं, बलिया, उत्तर प्रदेश

Related Posts
Post Comments

Latest News
07 Dec 2025 19:02:56
बलिया : 69वीं राष्ट्रीय विद्यालयी कुश्ती प्रतियोगिता का उद्घाटन सोमवार को वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में किया जाएगा। अंडर 17...


Comments