कभी अलविदा कहूं तो नाराज मत होना मेरे दोस्तों, क्योंकि...

कभी अलविदा कहूं तो  नाराज मत होना मेरे दोस्तों, क्योंकि...


अलविदा
कभी अलविदा कहूं तो 
नाराज मत होना मेरे दोस्तों!!
क्योंकि
तुमने मुझे कभी मनाया ही नहीं 
अपना समझा ही नहीं,
वरना अलविदा क्या 
मैं यहीं रह जाता उम्र भर।
आखिर सोचा तो होता इस प्रेम को 
कभी एकांत में बैठकर,
इसकी चर्चा तो किया होता 
बहुत सारे किस्से नजर आते।
आंखों के सामने पड़ते
और ओझल हो जाते,
तब समझ में आता 
अलविदा का मतलब।
यूं ही कोई अलविदा नहीं हो जाता 
उसके पीछे कई राज होते हैं
जो दफन होते हैं सीने में,
और जिन्हें महसूस किया जाता है 
अपने हृदय में 
अपनी भावनाओं को दबाते हुए।

कलम से ✍️
शिव नारायण सिंह 'शान'

Related Posts

Post Comments

Comments

Latest News

फर्जी दरोगा बन लोगों पर रौब गांठता था सब-इंस्पेक्टर का बेटा, पुलिस ने पकड़ा फर्जी दरोगा बन लोगों पर रौब गांठता था सब-इंस्पेक्टर का बेटा, पुलिस ने पकड़ा
UP News : उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर पुलिस ने चेकिंग के दौरान फर्जी दरोगा गौरव शर्मा को गिरफ्तार किया। उसकी...
लापरवाही पर बलिया डीएम सख्त : दो अधिकारियों का रोका वेतन, कई को मिली कड़ी फटकार
बलिया में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म, आरोपी युवक गिरफ्तार
18 November Ka Rashifal : पढ़ें आज का राशिफल
फौजी प्रेमी ने की थी 11 वीं में पढ़ने वाली प्रेमिका की हत्या, ऐसे खुला राज
Road Accident In Ballia : दुकान पर बैठे पांच लोगों पर चढ़ी बेकाबू कार, एक की मौत
वेतन-बोनस की मांग को लेकर बलिया नगर पालिका कार्यालय में तालाबंदी