22 जून को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे सूर्य, इस दिन धरती होगी रजस्वला, जानिएं इसका महत्व



Ballia News : 22 जून को दोपहर 1.54 बजे सूर्य देव आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ पर्याप्त वर्षा, आंतरिक ऊर्जा में संतुलन बनेगा। किसानों के लिए आर्द्रा नक्षत्र लाभकारी होगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय बताते है कि आद्रा नक्षत्र के देवता रुद्र जो भगवान शिव का एक रूप हैं। इसके स्वामी राहु हैं। इनका स्वभाव स्त्रैण और तीव्रगामी होता है। यही कारण है कि जब सूर्य इस नक्षत्र के पहले चरण में (22 से 25 जून) प्रवेश करते हैं, तो पृथ्वी ‘रजस्वला’ अवस्था में मानी जाती है। इसलिए इस समय भूमि की जुताई और बुआई करना निषेध रहता है, क्योंकि इसे खेती के लिए अनुपयुक्त समय माना जाता है।
इंदरपुर (थम्हनपुरा) निवासी ज्योतिषाचार्य डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय बताते है कि आद्रा की वर्षा कृषि के लिए सबसे उपयोगी मानी जाती है। इस नक्षत्र को बीजारोपण के लिए सर्वोत्तम काल माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस समय से अगले 52 दिनों तक भारी वर्षा की संभावनाएं प्रबल रहती है।
सूर्य आद्रा के बाद 6 जुलाई को पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 15 दिन तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। इस दौरान स्त्री पुरुष योग बनाएंगे। यानी इस दौरान प्रबल बारिश के योग नहीं बनेंगे। यह समय धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना गया है। मत्स्य पुराण के अनुसार, यह समय देवी-देवताओं की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ होता है। इस दौरान की गई उपासना से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
मानसून की मजबूत स्थिति बनने की संभावना
ज्योतिषाचार्य डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय बताते है कि रोहिणी नक्षत्र का वास समुद्र तट पर होने से तेज हवाओं और मानसून की मजबूत स्थिति बनने की संभावना होती है। इस बार मघा, पुष्य व अश्लेषा नक्षत्रों में अधिक वर्षा की संभावना है। आर्द्रा नक्षत्र में भगवान सूर्य की उपासना व पूजन शुभ होता है। इस दौरान भगवत व धार्मिक कृत्य, दान-पुण्य, सेवा आदि करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य
डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय
इंदरपुर थम्हनपुरा बलिया
सम्पर्क सूत्र : 9918861411

Comments