Teacher's Day : बलिया के शिक्षक ने शब्दों से गुत्थी 'गुरु महिमा' की माला



गुरु महिमा
सूरज–सा उजियारा लाएँ,
गुरु जगत से तमस ले जाएँ।
चंदन–सी शीतलता बरसाएँ,
जीवन–पथ को प्रकाश दिखाएँ॥
शिष्य कच्चा मोम समान,
गुरु की गर्मी दे पहचान।
सही दिशा में ढाल बनाते,
जीवन–रत्न वही कहलाते॥
जैसे धारा गिरि से बहती,
गुरु की कृपा निरंतर रहती।
सूखे मन को हरित बनाते,
आशा के अंकुर उग जाते॥
गुरु की दृष्टि सुधा–रस प्याली,
बुझे प्यास तो मिले हरियाली।
गुरु की वाणी वज्र–सी भारी,
फिर भी उसमें मधुर सवारी॥
सत्य–सिंधु के गोताखोर हैं,
पथभ्रष्टों के वे रखवाले।
गिरते को संबल दे उठाते,
भटके राही राह बतलाते॥
गुरु का रोष अमंगल हरता,
गुरु का स्नेह अमृत बरसता।
डाँट–फटकार भी वरदान,
हृदय में भर दे नवीन प्राण॥
पथ–प्रदर्शक दीपक जैसे,
गुरु जीवन में सदा विशेषे।
गुरु से जग में गौरव पाएँ,
गुरु से ही हम सफल कहाएँ॥
गुरु की महिमा पार न पाई,
शब्दों से यह कहि न जाई।
नित प्रणम्य चरणों में जाऊँ,
उनसे ही निज जीवन पाऊँ॥
नन्द लाल शर्मा ✍️
शिक्षक
सीयर, बलिया
सम्पर्क सूत्र 9670770706

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