NCERT पाठ्यपुस्तक पर आधारित FLN प्रशिक्षण बेलहरी ब्लाक में पूर्ण



Ballia News : प्राथमिक शिक्षा किसी भी बच्चे की शिक्षा का महत्वपूर्ण चरण है। बच्चों में अपेक्षित वृद्धि और विकास के लिए शिक्षा के प्रारंभिक गुणवत्तापूर्ण अनुभव अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि उनके जीवन के प्रारंभिक वर्ष निर्माणात्मक समय अवधि होते हैं। मस्तिष्क की वृद्धि और विकास की आधारशिला का प्रमुख सोपान होते हैं। शैक्षणिक वर्ष 2025- 26 में कक्षा 3 की नवीन पाठ्य पुस्तकों के साथ समझ विकसित करने के दृष्टिकोण से प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय के समस्त अध्यापकों तथा शिक्षामित्र का पांच दिवसीय प्रशिक्षण आज बेलहरी शिक्षा क्षेत्र में पूर्ण हो गया।
प्रशिक्षण की समाप्ति पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी राजीव गंगवार ने आह्वान किया कि शिक्षा में बुनियादी तथा मध्य स्तरों के बीच आरंभिक स्तर शिक्षा हेतु एक सेतु का काम करता है। यह विद्यालई शिक्षा की वह अवधि है, जिसमें हम बच्चे के सर्वांगीण विकास की नींव रखते हैं। प्रशिक्षण समाप्ति के अवसर पर उपस्थित प्राथमिक शिक्षक संघ बेलहरी के ब्लॉक के अध्यक्ष शशिकांत ओझा ने अपने संबोधन के माध्यम से शिक्षकों का आह्वान किया कि कक्षा तीन के लिए विकसित की गई नवीन पाठ्य पुस्तकों के साथ बच्चों को सहज करने हेतु यह प्रशिक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा स्कूल आधारित समस्त गतिविधियों पाठ्यक्रम में सम्मिलित की गई हैं, जिसको हम प्रशिक्षण में सीखे गए हुनर के माध्यम से बच्चों तक ले जाने का काम करेंगे।
एकेडमिक रिसोर्स पर्सन ब्रजेश बिहारी सिंह ने प्रशिक्षण के सकुशल संपन्न होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी अध्यापकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। आशा व्यक्त की कि सभी बच्चों तक पाठ्यपुस्तक तथा कार्य पुस्तिकाओं के पहुंच जाने के बाद यदि हम सभी शिक्षक, शिक्षक संदर्शिकाओं का प्रयोग करते हुए अध्यापन कार्य करें तो लक्ष्य की प्राप्ति आसान होगी। केआरपी के रूप में प्रशिक्षक की भूमिका निभाने वाले राजीव कुमार दुबे ने अपने अनुभव को व्यक्त करते हुए बताया कि कक्षा तीन की पाठ्यपुस्तकों में क्यूआर कोड के आ जाने से सीखने के प्रतिफलों को मूल्यांकित किया जा सकता है। संपूर्ण शैक्षिक सत्र में पढ़ाई जाने वाले बिंदुओं की विस्तृत जानकारी एवं कार्य योजना भी आसानी से उपलब्ध कराई जा सकती है।
प्रशिक्षक आशुतोष कुमार ओझा ने बताया कि अंग्रेजी विषय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बच्चों के परिवेश में हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी विषय को भी सही स्थान दिला पाने में प्रशिक्षण में सीखे गए हुनर अत्यंत उपयोगी साबित होंगे। प्रशिक्षक संतोष कुमार द्वारा विद्यालई शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के रूपरेखा 2023 को दृष्टिगत रखते हुए अवधारणात्मक समझ, तार्किक चिंतन, आधारभूत मूल्य एवं मानवीय प्रवृत्तियों के विकास पर बल देने की बात कही।
पूर्व एवीआरसी तथा एआरपी के रूप में अपनी सेवाएं प्रस्तुत कर चुके डॉक्टर शशि भूषण मिश्र द्वारा अंग्रेजी विषय के लिए नव विकसित पाठ्य पुस्तक संतूर के महत्व को समझाते हुए बताया गया कि इस पाठ्य पुस्तक का निर्माण भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुसार किया गया है, जिसमें बच्चों के विकास हेतु मूल्यों, परंपराओं तथा धरोहरों को समाहित किया गया है तथा इस बात का ध्यान रखा गया है कि बच्चे परिवेशीय ज्ञान से अंग्रेजी विषय को जोड़ते हुए अपने अंदर एक अतिरिक्त भाषा की समझ का विकास कर सकें।
अंग्रेजी भाषा आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य भाषा है तथा यह विज्ञान ,तकनीकी एवं संचार की भाषा भी बन चुकी है ऐसे में बच्चों को शुरुआती स्तर से ही इसकी समझ की विकास का किया जाना निश्चित रूप से अच्छे परिणाम लेकर आएगा। प्रशिक्षण में बृज किशोर पाठक, आरती, स्नेहलता, प्रवीण कुमार सिंह, जनार्दन तिवारी, अखिलेश ओझा, रूपम तिवारी, श्रीराम चौबे तथा अन्य ने अपने अनुभवों को साझा किया। तकनीकी सहायता के लिए सुमित, जितेंद्र, बृजेश, संजीव राय तथा समस्त कार्यालय के स्टाफ के प्रति खंड शिक्षा अधिकारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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