जी हां ! बलिया में यहां उपलब्ध है गांव की हांडी वाली दही और शुद्ध घी

जी हां ! बलिया में यहां उपलब्ध है गांव की हांडी वाली दही और शुद्ध घी

Ballia News : आज भले ही देश में एआई तकनीक का प्रयोग हर दिशा में किया जा रहा है। देश आगे की तरफ़ अग्रसर है, लेकिन बात जब होती है खाने पीने की तो आपको  भी अपने गाँव की याद आती होगी। आपको अपने बचपन में गांव जाना और वहाँ के देशी अंदाज़ में बनी कहतरी की दही और दही से बनी शुद्ध घी की रोटी खाना भी याद आती होगा। तब आपके भी ज़ुबान से या ये कहे दिल से उन दिनों की बात बाहर निकल जाती होगी और आप उसे याद करके कहते होंगे कि, अब वो बात कहाँ? अब तो सिर्फ़ बाजार से आर्टिफ़िशियल सामान खाने को मिलता है।

इन्ही बातों को देख कर एक युवा आकाश गुप्ता ने गांव की क़हतरी वाली दही एवं शुद्ध घी की शुरुआत बलिया शहर के गुदरी बाजार में की है। आकाश  गुप्ता ने श्री माँ वैष्णवी डेरी पर गांव के देसी अंदाज़ में कहतरी की दही लगा कर शुद्ध घी बनाना शुरु किया है। आपको बता दे इस दही को बनाने में लगभग 24 घंटे लगते है। घी बनाते बनाते दूसरा दिन हो जाता है, लेकिन यह दही या घी किसी के जुबान पर जाता है तो फिर स्वाद बन जाता है। आकाश गुप्ता की श्री माँ वैष्णवी डेरी लोगो की पसंद बनती जा रही है। लोगो का कहना है कि यहां हमे अपना बचपन और गांव की याद मिलती है।

आकाश गुप्ता ग्रेजुअसन करके पुणे के एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत थे, लेकिन पुणे से बलिया आकर दही और घी के कारोबार  के बारे में जब सवाल किया गया तो उनका कहना था कि वहाँ अपने गांव की याद आती थी। नानी के हाथ से बनी क़हतरी की देसी अंदाज़ वाली दही एवं उस दही से बनी शुद्ध देशी घी की रोटी को याद करता था, तभी मेरे दिमाग़ में ये बात आई कि मेरे जैसे तमाम लोग भी होंगे। वही से मेरे दिमाग़ में आया कि बलिया शहर में भी ऐसी कोई ब्यवस्था नहीं है और मैं बलिया आकर इसकी शुरुवात कर दिया।

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दही से निर्मित शुद्ध घी को बनाने में कुल दो दिन की प्रक्रिया है सबसे पहले गाय का शुद्ध दूध लाया जाता है। फिर गोयड़ा और कोयला जला कर धीमे आँच पर मिट्टी की बनी कहतरी में उसे लगभग आठ घंटे उबाला जाता है। जब तक दूध पूरी तरह लाल ना हो जाय और उसमे मिट्टी की खुशबू ना आए, तब तक दूध पकता ही रहता है। फिर उसे ठंडा करने के लिए रखा जाता है। ठंडे होने फिर जामन डाल कर अगले दिन के लिए रखा जाता है। अगली सुबह दही तैयार होता और उस दही को मथ कर मक्खन निकालने के बाद उससे घी तैयार किया जाता है।

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रोहित सिंह मिथिलेश

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