बलिया में कुछ यूं मना हिन्दी पत्रकारिता दिवस, सम्मानित हुए कलम के सिपाही
Ballia News : समाज का व्यक्ति जब हर जगह से थक जाता है तो अंत में उसे कलमकार की कलम ही न्याय दिलाती है। वह कलमकार चाहे पत्रकार के रूप में, लेखक के रूप में, कवि के रूप में या फिर रचनाकार के रूप में हो। उक्त बातें पूर्वांचल के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जनार्दन राय ने पत्रकार वेलफेयर सोसाइटी बलिया के तत्वावधान में मीडिया सेंटर अखार पर आयोजित हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कहीं।
डॉ. राय ने कहा कि कलम के सिपाही अपनी कलम से समाज को एक नई दिशा देते हुए समाज के क्रिया-कलापों और विधियों पर नजर रख उसे उजागर करते हैं। उसके समाधान का प्रयास भी बताते है। साथ ही लोगों की आवाज को अपने समाचार पत्रों में प्रमुख स्थान देकर न्याय की आस छोड़ चुके लोगों को न्याय दिलवाने का काम करते हैं।
गंगा मुक्ति अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता के समक्ष वर्तमान परिवेश में काफी चुनौतियां हैं। पत्रकारों को धैर्य से काम लेते हुए लोगों की आवाज को उठाना है। वरिष्ठ पत्रकार शशिकांत ओझा ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र को व्यवसाय का क्षेत्र बनाए जाने के कारण पत्रकारों के समक्ष चुनौतियां खड़ी हुई हैं। पत्रकार चाहकर भी निष्पक्ष पत्रकारिता करने में अपने को असहज महसूस कर रहा है।
प्रधानसंघ के मंडल अध्यक्ष विमल पाठक ने कहा कि पत्रकारिता में कितनी भी गिरावट आई है, लेकिन आज भी लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता पर ही लोगों को भरोसा है।
वरिष्ठ कवि व साहित्यकार डॉ फतेह चंद गुप्ता ने शहीद मंगल पांडेय के वीरता पर आधारित कविता सुनाकर लोगों की खूब वाहवाही बटोरी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिले भर से आए अनेक पत्रकारों को हिंदी पत्रकारिता दिवस पर कलम भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अखिलानंद तिवारी, जितेंद्र उपाध्याय, प्रदीप गुप्ता, श्रवण पांडे, सुनील सेन दादा, अजीत ओझा, डॉ हरेंद्र नाथ यादव, डॉ सुरेश चंद्र, हरेराम यादव, तिलक कुमार, इमरान खान, प्रभाकर सिंह, अजय पांडे, धनंजय तिवारी, मुशीर जैदी, राजू दुबे, कुलदीप दुबे, वसीम अंसारी, रमेश चन्द्र गुप्ता, गोविंद पाठक, पन्नालाल गुप्ता, धीरज यादव, गणेशजी सिंह, रविंद्रपाल मुखिया, विवेक सिंह आदि उपस्थित रहे। संचालन रणजीत सिंह ने किया।
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