8.50 लाख दवा व्यापारियों सर्वोच्च संस्था ने CDF यूपी को किया बर्खास्त

8.50 लाख दवा व्यापारियों सर्वोच्च संस्था ने CDF यूपी को किया बर्खास्त


बलिया। देश के 8:50 लाख दवा व्यापारियों की  सर्वोच्च संस्था एआईओसीडी (ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन आफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट) ने दवा व्यवसायियों की प्रांतीय संस्था सीडीएफ यूपी (केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश) की संबद्धता समाप्त कर बर्खास्त कर दिया है। 

बीसीडीए बलिया के जिलाध्यक्ष आनंद कुमार सिंह ने बताया कि देश की सर्वोच्च संस्था एआईओसीडी की वर्चुअल मीटिंग बुधवार को थी। उत्तर प्रदेश के पूर्व महामंत्री सुरेश गुप्ता पर विगत कुछ महीनों पहले संस्था के पूर्व संगठन मंत्री सुधीर अग्रवाल द्वारा तथ्यों और सबूतों के साथ संस्था के धन का दुरुपयोग और गमन के साथ ही कुछ जिलों पर मनमाने तरीके से निष्कासन का आरोप लगाया था। इस पर ऑल इंडिया संस्था ने सुरेश गुप्ता से कई बार पत्र के माध्यम से फंड गमन प्रकरण सहित अन्य मामलों में पूर्व प्रदेश महामंत्री से राष्ट्रीय संगठन ने पत्र जारी कर जवाब मांगा था। चेतावनी भी दी थी कि उचित जवाब नहीं मिलने पर सीडीएफयूपी की  संबद्धता समाप्त कर दी जाएगी। 

यह था आरोप

1-यस बैंक गाजियाबाद के खाते और एटीएम जारी होने के बारे में कोई जवाब नहीं दे पाये।

2-महामंत्री द्वारा एटीएम कार्ड से रुपये 17,0 2,075 निकाला गया, वह भुगतान  किसको गया?

3-तीन करोड़ 63 लाख  5 हजार 665 रुपया, जो गलत और फर्जी तिरुपति हॉलीडेज प्राइवेट लिमिटेड जेएस टूर एंड ट्रेवल्स के साथ संस्था के धन का दुरुपयोग किया, उसके बारे में कोई जवाब क्यों नहीं दिए?

4-CDFUP के महामंत्री बनने से पहले ही CDFUP के नाम से फर्जी खाता खोलना, मांगने पर उसका बैलेंस शीट क्यों नहीं प्रस्तुत किया गया?

5-अपने निजी संस्था सोसायटी फॉर एनवायरमेंटल कंजर्वेशन में दवा निर्माताओं से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अब तक कितना चंदा लिया है, यह भी नहीं बताया।

6-बिना किसी प्रस्ताव मनमाने तौर पर कार्पस फंड बनाया गया। नियम विरुद्ध मनमाना खर्च भी किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त फंड से 1,00,00,000 (एक करोड़  रुपया) का भुगतान आप द्वारा मनमाने ढंग से किया गया गया।

पूर्व प्रदेश महामंत्री सुरेश गुप्ता ने ऑल इंडिया संगठन को जो भी जवाब दिया, वह आधा अधूरा व गुमराह करने वाला था। इस पर सर्वोच्च संस्था ने पांच सदस्यों की देखरेख में ओडीसी कमेटी का गठन किया, जो इस मामले की पूरी तरह से जांच कर अपनी रिपोर्ट ऑल इंडिया कमेटी को सौंपेगी। ओडीसी कमेटी ने इनको पूरा अवसर दिया, परंतु अपनी सफाई में यह कोई भी संतोष जनक सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाए। ओडीसी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन को सौंप दिया, जिसके आधार पर 28 अक्टूबर 2020 को ऑल इंडिया संस्था ने ऑडिसी कमेटी का जो रिकमेंडेशन था, उसको इसी ने पार किया था और आज एआईओसीडी कि एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग में देश के 31 राज्यों में से 30 राज्यों ने अपनी सहमति प्रदान कर उस प्रस्ताव को पास कर दिया 31वां राज्य उत्तर प्रदेश था, जिसकी संबद्धता को समाप्त कर बर्खास्त कर दिया गया। 

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