बलिया : पति ने नहीं मानी शर्त तो विवाहिता ने तोड़ दिया सात जन्मों का रिश्ता, सामने आई चौंकाने वाली बात




सिकंदरपुर, बलिया। ये सात फेरों का बंधन भी बड़ा अजीब होता है, प्यार इसमें हर किसी को कहां नसीब होता है। कोई टूट रहा है, कोई टूट चुका है, ये सात फेरों का बंधन न जाने कितनों को लूट चुका है। किसी कवयित्री की ये पंक्तियां जिले के मनियर थाना क्षेत्र के एक गांव में अक्षरशः सच साबित हुई। करीब एक साल पूर्व अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम लेने वाली पत्नी ससुराल में एक अनजाने भय से इतना विक्षिप्त हुई कि अपना रिश्ता ही खत्म कर लिया।
बता दें कि मनियर थाना क्षेत्र के एक गांव के युवक की शादी 2021 में पकड़ी थाना क्षेत्र के युवती से हुई थी। शादी के रश्मों को पूरा कर युवती खुशी खुशी ससुराल आई। कुछ दिन सब कुछ ठीक ठाक चला। इसी बीच सरयू में बाढ़ आने से उसका ससुराल भी चपेट में आ गया। बाढ़ की विभीषिका देख नई नवेली दुल्हन अपने मायके चली गई। बाढ़ का पानी सिमटने के बाद पत्नी को घर वापस लाने के लिए जब युवक ससुराल पहुंचा तो पत्नी का जबाब सुन हक्का बक्का रह गया।
हालांकि लोगों ने युवती को बहुत समझा पर किसी की एक न चली। खाली हाथ घर लौटा युवक परिजनों से आपबीती बताई तो संभ्रांत लोगों की मौजूदगी में पंचायत हुई। इसके बाद विवाहिता किसी तरह ससुराल तो आ गई, पर दियारे में रहने से मना कर दिया। पत्नी की जिद्द के आगे मजबूर पति, पत्नी को गांव में स्थित पुस्तैनी मकान में रहने की बात कही तो उसे भी सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि रहूंगी तो शहर में, अन्यथा नही।
शहर में रहने की शर्त पर पति ने असमर्थता जताई तो पत्नी ने यह आरोप लगाया कि तुम्हारे घर में भूत है और मैं नहीं रह सकती। एक बार फिर बात पंचायत तक पहुंची। मान मनौव्वल किया गया, पर बात नही बनी तो मामला मनियर थाने पहुंच गया, लेकिन विवाहिता जिद्द पर अड़ी रही। अंत में लोगों ने सात जन्मों के सात वचनों को तोड़ने पर आमादा विवाहिता को आजाद कर दिया। इस संबंध में एसओ प्रवीण सिंह ने बताया कि महिला को बहुत समझाया गया, लेकिन वह ससुराल नहीं रहना चाहती थी। दोनों पक्ष के परिजनों ने आपस में समझौता कर लिया है।

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