तेरह साल बाद बोतल से बाहर निकला खाद्यान घोटाले का जिन्न
On



लखनऊ। 13 साल बाद आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है। इसमें अलग-अलग फर्मों के डायरेक्टर और अफसर समेत 44 लोगों को नामजद किया गया है। अनाज की कालाबाजारी का खेल 29 सितंबर 2004 से 21 जनवरी 2005 के बीच हुआ था। 27 फरवरी 2006 को घोटाले की जांच EOW को सौंपने की सिफारिश की गई थी। तत्कालीन झांसी के कमिश्नर शंकर लाल अग्रवाल ने जांच के आदेश दिए थे।
किसान से गेहूं खरीदने का दावा जांच में झूठा निकला। जांच में सामने आया कि किसानों से गेहूं खरीदने के बजाय कोटेदारों से 19167.87 क्विंटल सस्ता गेहूं खरीदा गया। इसके अलावा दावा किया गया था कि ट्रकों से गेहूं भेजने का दावा किया गया था लेकिन जांच में वह मोटरसाइकिल, स्कूटर और जीप निकलीं। जांच में पता चला कि गेहूं कानपुर रेलवे स्टेशन के गोदाम से लोड कर बांग्लादेश में बेंच दिया गया। जांच में सामने आया कि इस गेहूं को अवैध रूप से बेच कर सरकार को 1,43,64,769.90 रुपये का चूना लगाया गया। कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, उन्नाव, बांदा, हमीरपुर, कौशांबी और कन्नौज में ये खेल खेला गया।
ईओडब्लू ने जिन्हें मुख्य आरोपी बनाया है उनमें बिचौलिया हनुमान प्रसाद ओझा, भंवरलाल ओझा, राजेश अग्रवाल, नंदलाल सारस्वत शामिल है। बिचौलिया हनुमान प्रसाद ओझा और सहयोगियों ने 40 फर्मों के जरिए यह खरीद की थी। EOW की जांच में खाद्यान्न विभाग के कई गोदाम प्रभारी भी दोषी पाए गए हैं।
Tags: उत्तर प्रदेश

Related Posts
Post Comments

Latest News
22 Dec 2025 14:41:09
Ballia News : मुख्य विकास अधिकारी के अनुमोदनोपरांत जनपद बलिया में एआरपी के 65 रिक्त पदों के सापेक्ष लिखित परीक्षा,...



Comments