रंगे हाथ दरोगा गिरफ्तार
हरदोई। एंटी कैरेप्शन लखनऊ की टीम ने हरियावां थाने में तैनात एसआई रामाशीष सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। धारा 308 के मामले की जांच कर रहे एसआई ने बरी करने के नाम पर 20 हज़ार रुपये की मांग की थी। टीम ने एसआई रामाशीष सिंह को रिश्वत के 10 हज़ार रुपये लेते हुए पोखरी तिराहे से पकड़ लिया। एंटी कैरेप्शन टीम ने कोतवाली शहर में केस दर्ज कराया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियावां थाने के गुलहरिया गांव निवासी इकबाल गाज़ी पुत्र बशीर गाज़ी ने एसपी भ्रष्टाचार निवारण संगठन से शिकायत की कि वह हरियाणा में काम करता है। 11 अगस्त को गांव में बकरियों को ले कर झगड़ा हुआ था। उसका आरोप था कि मेडिकल करने वाले डाक्टर से सांठगांठ कर उसके खिलाफ धारा 308 का केस दर्ज कराया गया। मामले की जांच हरियावां थाने में तैनात एसआई रामाशीष सिंह को सौंपी गई।
इकबाल का कहना है कि जांच कर रहे एसआई ने उसे कई बार पकड़ने और ट्रैक्टर खींच लेने की धमकी दी, लेकिन जब उसने अपने को बेगुनाह बताया तो उन्होंने उससे कहा कि 20 हज़ार रुपये दे दो, वे उसे धारा 308 से बरी कर देंगे। उसने यह भी बताया था कि जोड़-तोड़ कर 10 हज़ार रुपये ही इकट्ठा हो सके। इस पर एसपी भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने एंटी कैरेप्शन टीम में तैनात एसआई नूरुल हुदा को इसकी कमान सौंपी।
एंटी कैरेप्शन टीम सोमवार को यहां पहुंची और अपनी प्लानिंग के तहत एसआई रामाशीष सिंह को 10 हज़ार का रिश्वत लेते हुए पोखरी तिराहे से रंगे हाथों पकड़ लिया। एंटी कैरेप्शन के एसआई नूरुल हुदा ने कोतवाली शहर में एसआई रामाशीष सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया है। उधर, एसआई रामाशीष सिंह को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने से पुलिस महकमें में खलबली मची हुई है। इससे पहले एंटी कैरेप्शन टीम बिलग्राम में तैनात वन दरोगा को इसी तरह रंगे हाथों पकड़ा था। उस मामले को लोग भूल भी नहीं पाए थे कि एख दूसरा मामला सामने आ गया।
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