तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा गाजीपुर का लाल, शहीद पिता को चार वर्षीय पुत्र ने दी मुखाग्नि
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गाजीपुर। आतंकी हमले में शहीद CRPF जवान अश्वनी यादव का तिरंगे में लिपटा शव बुधवार को जैसे ही पैतृक गांव चकदाऊद पहुंचा, अपने लाल की एक झलक पाने को लोग बेताब हो गये। पत्नी अंशु व मां लालमुनि पार्थिव शरीर को पकड़ कर विलखने लगीं। वहीं दोनों बच्चे एक टक अपने पिता के पार्थिव को निहारते रहे। साथ में आए जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर से अंतिम सलामी दी। वही, शहीद के इकलौते चार वर्षीय पुत्र आदित्य ने मुखाग्नि दी तो उस समय सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए
शहीद अश्वनी यादव वर्ष 2005 में इलाहाबाद से सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वह काफी होनहार व मेहनती थे। अश्वनी जब-जब छुट्टी लेकर गांव आते थे, तो अन्य युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित भी करते रहते थे। अश्वनी की शहादत पर गांव के युवाओं को गर्व तो है ही, लेकिन एक लाल को खो देने से वे काफी गमजदा भी बहुत हैं। आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा भी है। सभी ग्रामीण खासकर युवा सरकार से बदला लेने की मांग कर रहे हैं। सभी को अश्वनी की बातें, उनका व्यवहार याद आ रहा है।
बातें याद कर विलख रही पत्नी
कश्मीर के हंदवाड़ा में सोमवार को आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान शहीद अश्वनी यादव ने वीर गति प्राप्त होने से दो घंटे पूर्व अपनी पत्नी से बात की थी। पत्नी अंशु को बताया कि ड्यूटी खत्म होने वाली है। हम अभी जंगल इलाके में निकले हैं, यहां से बेस कैंप पर जाएंगे। पत्नी द्वारा कुछ परेशानी बताने पर अश्वनी ने कहा कि आएंगे तो सभी परेशानियों को दूर कर देंगे। बेटी आइसा को एक साइकिल भी खरीद कर देनी है। उसे डाक्टर बनना है, इसलिए उसकी पढ़ाई पर ध्यान देना। पत्नी को जब-जब यह बातें यादें आ रही हैं, तो उसके आंसू रुक नहीं रहे हैं।
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