एकता का आधार चार : सहिष्णुता, भिन्नता का सम्मान, लचीलापन और...



बलिया : हिन्दी पखवाड़ा के अन्तर्गत कुँवर सिंह इण्टर कालेज बलिया में 'राष्ट्रीय एकता के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी की भूमिका' विषयक विचार गोष्ठी तथा कविता पाठ का आयोजन किया गया। राष्ट्रकवि दिनकर जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अशोक 'पत्रकार' ने कहा कि सहिष्णुता, भिन्नता का सम्मान, लचीलापन एवं त्याग की भावना - ये चार प्रमुख तत्व एकता का आधार होते हैं और हिन्दी इन गुणों से सम्पन्न है।
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि हिंग्लिश जैसी बकवास चीजों के बल पर एकता स्थापित करने की सोच हास्यास्पद है। इसी विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यालय के युवा हिन्दी प्रवक्ता डॉ राममिलन विश्वकर्मा ने हिन्दी के नामकरण से लगायत उसके विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। कालेज की छात्राओं प्रगति सिंह, अंजली, साक्षी, आराध्या, रानी खातून एवं स्नेहा ने भी प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दीं जिनके लिए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में विशिष्ट अतिथिद्वय पं. शिवजी पाण्डेय 'रसराज' ने हिन्दी पर अपने गीत एवं नवोदित कवयित्री श्रीमती सुशीला पाल ने अपने उत्कृष्ट दोहों का पाठ किया। उनके अलावा डॉ शशि प्रेमदेव एवं डॉ सुभाषचंद सिंह ने भी अपनी सरस, सार्थक कविताओं से हिन्दी की सामर्थ्य एवं उसके विविध रंगों से श्रोताओं को परिचित कराया।
इस अवसर पर डॉ बालचंद राम, जयंत कुमार सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह, भूपेन्द्र सिंह, डॉ संगीता चौबे, रंगीता यादव, श्रीमती शशी सिंह, श्रीमती पल्लवी,शैलेश कुमारसिंह, अनुज सिंह, डॉ प्रदीप मौर्य, अनिल कुमार सिंह, विशाल सिंह, संजय सिंह, राजीव सिंह, नन्दन कुमार, रंजन कुमार, रवि वर्मा, राम लाल तिवारी, अखिलेश कुमार नीरज, डॉ संतोष पाण्डेय, अंगद कुमार, दिग्विजय सिंह, रंजीत कुमार, अजय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य शशि कुमार सिंह 'प्रेमदेव' तथा संचालन विजेंद्र प्रताप सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन प्रेम शंकर राय ने किया।

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