शारदीय नवरात्र 2025 : ज्योतिषाचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय से यहां जानें पूजा और तिथि से लेकर सबकुछ



शारदीय नवरात्र 2025 (Shardiya Navratri 2025) का पावन पर्व हर साल साधक बहुत ही धूमधाम और भक्ति भावना के साथ मनाते हैं। इस साल नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन एक विशेष देवी को समर्पित होता है। आइए इस आर्टिकल में ज्योतिषाचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय से जानते हैं इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें...
Shardiya Navratri 2025 : सनातन परम्परा का पवित्र पर्व मां दुर्गा को पूर्णतया समर्पित शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर 2025 से हो रहा है। यह पर्व दिव्यता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, जिसमे माँ दुर्गा के नौ अलग-अलग दिनों में सतोगुण रूप (सरस्वती), रजोगुण रूप (लक्ष्मी) एवं तमोगुण रूप (काली) संयुक्त शक्तियों के नौ स्वरूपों के उपासना का कार्य होता है।
इनमें जन्म ग्रहण करने वाली कन्या का रूप शैलपुत्री, कौमार्य तक ब्रह्मचारिणी, विवाह के पूर्व तक षोडशी चन्द्रघंटा, नए जीवन को धारण करने वाली कूष्माण्डा, संतान को जन्म देने वाली स्कंदमाता, संयम और साधनारत मां कात्यायनी, पति की अकारण मृत्यु जीतने वाली कालरात्रि, संसार का उपकार करने वाली महागौरी एवं सर्वसिद्धि प्रदायिनी सिद्धिदात्री हैं। नवरात्रि पर इस बार बुधादित्य राजयोग, भद्र राजयोग, धन योग (चंद्र मंगल युति तुला राशि में), त्रिग्रह योग (चंद्रमा बुध और सूर्य की युति कन्या राशि में) और गजेसरी राजयोग का शुभ संयोग रहने वाला है।
नवरात्रि का आरंभ गजकेसरी राजयोग से हो रहा है क्योंकि, गुरु और चंद्रमा एक दूसरे से केंद्र भाव में होंगे। गुरु मिथुन राशि में और चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेंगे, जिससे गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा। जगत जननी आदिशक्ति का हाथी पर आगमन हो रहा है, जो सुखप्रद, देश में धन समृद्धि में बढ़ोतरी, कृषि में वृद्धि होने के साथ मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव वाला होगा।
माता का प्रस्थान 2 अक्टूबर गुरुवार विजयदशमी के दिन मनुष्य की सवारी पर होगा, जो शुभ संकेत होने के साथ लोगों के बीच प्रेम बढ़ेगा और सुथ शांति बनी रहेगी। प्रथम दिन उत्तम मुहूर्त में घटस्थापना करके सभी देवताओं को आवाहन, आसान एवं अर्ध्य प्रदान करे। बाकी दिनों में आवाहित देवताओं के पूजन के पश्चात षोडशोपचार से मां का पूजन करे। इसके बाद दुर्गा सप्तशती पाठ स्वयं करे या योग्य पंडित से कराए।
पूजन में बिल्व पत्र, शमी पत्र, लाल कनेर, चमेली के पुष्प का प्रयोग करें। दुर्गा पूजा में दूर्वा, तुलसी का प्रयोग निषिद्ध है। दूर्वा केवल गणेश पूजन 'में उपयोग कर सकते है। शाम की आरती में मां भगवती दुर्गा की 14 बार आरती उतारने का विधान है। 4 बार चरणों में, 2 बार नाभि पर, 1 बार मुख पर एवं 7 बार संपूर्ण शरीर पर आरती उतारना चाहिए। आरती की बत्तियों की संख्या विषम होनी चाहिए।अतः नवरात्रि साधना से साधक के जीवन का परिशोधन, आत्मचेतन की प्रखरता प्रगाढ़ होगी।
पूजा मंत्र
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
शारदीय नवरात्रि 2025 की तिथि लिस्ट
1) नवरात्रि पहला दिन 22 सितंबर 2025 : मां शैलपुत्री की पूजा
2) नवरात्रि दूसरे दिन 23 सितंबर 2025 : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा।
3) नवरात्रि तीसरे दिन 24 सितंबर 2025 : मां चंद्रघंटा की पूजा।
4) नवरात्रि तीसरे दिन 25 सितंबर 2025 : मां चंद्रघंटा की पूजा।
5) नवरात्रि चौथा दिन 26 सितंबर 2025 : मां कूष्माण्डा की पूजा।
6) नवरात्रि पांचवां दिन 27 सितंबर 2025 : मां स्कंदमाता की पूजा।
7) नवरात्रि छठा दिन 28 सितंबर 2025 : मां कात्यायनी की पूजा।
8) नवरात्रि सातवां दिन 29 सितंबर 2025 : मां कालरात्रि की पूजा।
9) नवरात्रि आठवा दिन 30 सितंबर 2025 : मां महागौरी सिद्धिदात्री की पूजा।
10) नवरात्रि नौवां दिन 1 अक्टूबर 2025 : मां सिद्धिदात्री की पूजा।
11 ) नवरात्रि दसवा दिन 2 अक्तूबर 2025 : विजयदशमी।

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