शांति के लिए जरूरी हैं प्रेम और सद्भाव : विद्यार्थी



Ballia News : शांति के पथ पर चलकर ही प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। प्रेम और सद्भाव के बिना शांति संभव नहीं है। मानव को शांत जीवन जीने के लिए व्यर्थ की कल्पनाओं से बचना चाहिए, क्योंकि व्यर्थ की कल्पनाएं मन को अशांत करती हैं। उक्त बातें सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने विश्व शांति दिवस पर रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान व्यक्त किया।
कहा कि सांप्रदायिक भावनाओं का हमारी परंपरा एवं संस्कृति में कोई स्थान नहीं है। हमारा इतिहास वसुधैव कुटुम्बकम का साक्षी है। और यही विश्व शांति का मूल मंत्र है। कहा कि पड़ोसी के सुख-दुख, चिंता, गम, कठिनाई आदि में हृदय से साथ देना विश्व शांति के लिए उत्तम संदेश है। आज समाज में यदि दूसरे के प्रति घृणा नहीं होती तो शायद किसी को दुःख, वेदना, पीड़ा और किसी की हत्या नहीं होती। यदि मानव अपने अंदर से अभियान एवं द्वेष का परित्याग कर दे तो स्वयं प्रेम एवं शांतिपूर्ण वातावरण की स्थापना हो जाती। लेकिन विडंबना यह है कि लोग जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, भेदभाव आदि को लेकर एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। आज अनेकता में एकता दर्शाने की जरूरत है।

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