बलिया : पैदल पहुंचे मजदूरों ने कहा-'पैरों में पड़ गए छाले, न जाने कब पहुंचेंगे घर...’, फिर...
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बेल्थरारोड, बलिया। ‘न जाने हमें किस गुनाह की सजा मिल रही है। पैदल चलते-चलते पैरों में छाले पड़ गए हैं। पता नहीं घर कब तक पहुंच पाएंगे...' इतना कहते-कहते प्रयागराज से पैदल चलकर बेल्थरारोड पहुंचे श्रमिकों की आंखों का कोर भींग गया।
प्रयागराज के नैनी में राइस मिल में काम करने वाले बिहार निवासी 35 मजदूर पैदल चलकर शुक्रवार को अपराह्न बेल्थरारोड पहुंचे। थके हारे और भूख से परेशान मजदूर बेल्थरारोड के तीरनई खुर्द ग्राम के निकट एक बाग में आराम कर रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर तहसीलदार जितेंद्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे।
उन्होंने मजदूरों की पीड़ा सुनी तथा ग्रामीणों के सहयोग से उनके खाने पीने की व्यवस्था की। ततपश्चात तहसीलदार ने वाहन से उनके घर चंपारण भिजवाया। मजदूरों ने बताया कि लॉक डाउन के चलते मिल बंद होने की वजह से उनका धंधा बंद हो गया। उनके पास जो कुछ था, वह खाने-पीने में ही खत्म हो गया।
इससे उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसलिए प्रयागराज से रेल लाइन होते हुए अपने घर की ओर चल दिया। प्रयागराज से लगातार पैदल चलते हुए मजदूर पांचवें दिन बेल्थरारोड पहुंचे, जहां तहसीलदार के प्रयास से ग्रामीणों ने उन्हें भोजन कराया। इस दौरान विवेकानंद पीजी कॉलेज के प्रबंधक टीएन मिश्रा ने मजदूरों को मास्क दिया। उसके बाद तहसीलदार ने वाहन द्वारा सभी मजदूरों को उनके घर भिजवाया। घर जाने की व्यवस्था हो जाने से मजदूर काफी खुश थे।
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