बलिया के खेल संघों की हकीकत भाग-1 : हैंडवाल की कहानी, खिलाड़ियों की जुबानी
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बलिया। सोशल मीडिया में आये दिन बलिया के खेल संघों की गतिविधियों को लेकर खेल संघों के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप को देखते हुए विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों से बात की तो आश्चर्यचकित करने वाले सच सामने आये।
एसोसिएशन नहीं, अपने बलबूते नेशनल तक पहुंचे बलिया के ये मेधावी
इस कड़ी में सबसे पहले हैण्डबाल खेल की बात करें तो हैण्डबाल के कई सीनियर खिलाड़ियों से सम्पर्क किया गया। अजीबो-गरीब सच सामने आया। राष्ट्रीय फलक पर उत्तर प्रदेश की हैण्डबाल टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले अवनीश पाण्डेय का कहना है कि, बलिया हैण्डबाल एसोसिएशन ने खेल और खिलाड़ियों के लिए आज तक कोई कदम नही उठाया है। बलिया में आज तक हैण्डबाल एसोसिएशन ने कोई भी राज्यस्तरीय प्रतियोगिता तक नहीं कराया है। अवनीश पाण्डेय ने खुलासा किया कि, वे स्वयं लखनऊ हैण्डबाल एसोसिएशन से रजिस्ट्रेशन कराकर हैण्डबाल खेलते हैं, क्योंकि बलिया में हैण्डबाल एसोसिएशन सिर्फ कागजों में है।
अभिषेक वर्मा जो 3 बार नेशनल खेल चुके हैं।उनकी माने तो उन्होंने खुद के प्रयासों से पता लगाकर ट्रायल दिया और नेशनल खेला। बलिया हैण्डबाल एसोसिएशन ने ना तो कभी खिलाड़ियों के लिए कोई कदम उठाया है ना ही कोई सहायता किया है। आकाश दत्त त्रिपाठी जो स्कूल नेशनल, अन्तर्विश्वविद्यालयी के साथ राष्ट्रीय स्तर पर हैण्डबाल खेल चुके हैं। उनकी मानें तो बलिया हैण्डबाल एसोसिएशन व्यक्ति विशेष के पाकेट में है। खिलाड़ियों से बातचीत से ये स्थिति स्पष्ट हुई कि विगत कई वर्षों में यहां का हैण्डबाल एसोसिएशन सुप्तावस्था में है। बलिया हैण्डबाल एसोसिएशन ने हैण्डबाल खेल और खिलाड़ियों के लिए जमीनी स्तर पर कोई कार्य किया। सत्य तो ये है कि बलिया में जो कुछ ख़िलाड़ी दिख रहे हैं वो खेल निदेशालय की ओर से बलिया स्टेडियम में होने वाले प्रशिक्षण की देन हैं।
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