कोरोना के योद्धा : बलिया में स्टाफ नर्स कुमारी स्कूम ने साझा किया अनुभव, कही ये बात
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बलिया। असर्फी अस्पताल में जो लेवल-1 टीम लगी है उसमें लगाई गई स्टाफ नर्स कुमारी स्कूम ने अपना अनुभव साझा किया। कहा कि इस महामारी के खिलाफ शुरू हुई जंग में जब ड्यूटी लगी तो शुरू में थोड़ी घबराहट हुई, लेकिन यहां आने के बाद अन्य कर्मचारियों का साथ जिस प्रकार मिला, उससे बल भी मिला। स्कूम के पिता आर्मी में हैं। ऐसे में दायित्व के प्रति सजगता की प्रेरणा उन्हें पिता से ही मिलती है। उसका कहना है कि सेना के जवान विपरीत परिस्थिति में अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हैं। ठीक उसी प्रकार आज मेडिकल स्टाफ को कुछ कर दिखाने का मौका है। मूल रूप से गाजीपुर की निवासी कु.स्कूम नगरा पीएससी पर कार्यरत है और वह इस जंग को फतह करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
लेवल-1 टीम में लगे चिकित्सक डॉ राकिफ़ अख्तर ने बताया कि उनके घर में उनकी पत्नी और 6 साल की बेटी है। ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो घर परिवार से एक महीने दूर ही रहना पड़ेगा। बच्चों से दूर रहना थोड़ा कष्टदायक होता जरूर है, लेकिन आज महामारी को भगाने की जरूरत है। समाज औऱ देश के लिए घर परिवार से कुछ दिन दूर भी रहना पड़ा तो कोई दिक्कत नहीं। ड्यूटी को लेकर डॉ अख्तर ने बताया कि एक चिकित्सक जिम्मेदारी भी यही है कि किसी की विपरीत परिस्थिति में काम आए। ऐसे में घबराना क्या है। अब तो सुकून से तभी रहेंगे जब हम इस महामारी को जड़ से खत्म कर देंगे।
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