बलिया : जरूरतमंदों तक नहीं पहुंची प्रशासनिक नजर, यह शख्स बना 'रहनुमा'
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बलिया। कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका खुदा होता है यारों... यह बात प्रवासी मजदूरों पर अक्षरशः सच साबित हो रही है। सफर पर निकले इन मुसाफिरों की सेवा कही प्रशासनिक अमला तो कही निश्चल समाजसेवी करते नजर आ रहे है। यही नहीं, जहां प्रशासनिक नजर नहीं पहुंच रही, वहां समाज से कोई न कोई फरिश्ता उनके बीच पहुंच ही जा रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा बैरिया ब्लाक की ग्राम पंचायत नौरंगा में देखने को मिल रहा है।
लॉकडाउन की वजह से गांव में बहुत लोग आये है, जिसमें अधिकतर घर पर ही क्वारंटाइन है। लेकिन जिनके पास माकूल व्यवस्था नहीं थी, वे गांव के स्कूल पर ठहरे है। इसमें प्रावि नौरंगा पर 26 तथा उप्रावि भुआलछपरा पर 39 लोग है। लेकिन इन तक सरकारी तंत्र नहीं पहुंच सका हों। यहां तक की सचिव व प्रधान तक ने नजर इनायत नहीं की। फिर, इनकी पीड़ा देख गांव के पूर्व प्रधान राजमंगल ठाकुर ने मदद का हाथ बढ़ाया। 21 मई से ये नियमित 65 लोगों को दो टाइम भोजन करा रहे है। इसके अलावा अन्य आवश्यक जरूरतें भी पूरी करते है।
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