पाक के नापाक मंसूबों की भेंट चढ़ा बलिया का एक और लाल

पाक के नापाक मंसूबों की भेंट चढ़ा बलिया का एक और लाल




सुखपुरा(बलिया) । जम्मू कश्मीर के अख्नूर सेक्टर में तैनात सैनिक को पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में गोली लग गई ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मंगलवार को सुबह उसका शव तिरंगा में लपेट कर उसके पैतृक आवास सुखपुरा लाया गया। शव के साथ सुबेदार धीरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में हवलदार नितिन सिंह, हवलदार जीतेंद्र कुमार सिंह, गनर रामकुमार यादव लेकर आए। जहां लोगों ने वीर सैनिक को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी,वही सुबेदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि रवि प्रकाश सिंह उर्फ मंटू सिंह जम्मू कश्मीर के अख्नूर सेक्टर के बदल बार्डर एलओसी जीरो लाईन गनौरी पर तैनात थे। सोलह मार्च को ड्यूटी के दौरान पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी के दौरान एक गोली रवि प्रकाश (35) की कनपटी में आकर लग गई। सहयोगी सिपाही उसे ईलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। उसी दिन शहीद के घर से उनके भाई राजेश सिंह व परिजन शव लेने जम्मू गए। मंगलवार को घर शव पहुचते ही कोहराम मच गया। उनका अंतिम संस्कार महावीर घाट पर किया गया। पिता उदय नरायण सिंह ने मुखाग्रि दिया।



 हुकमरानों ने राजकीय सम्मान देना नहीं समझा मुनासिब

सुखपुरा /बलिया। जम्मू कश्मीर की अखनूर सेक्टर में तैनात रवि प्रकाश सिंह की मौत पाकिस्तानी गोलीबारी में शनिवार को हो गया। मंगलवार को सैनिक का शव सूबेदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ लाए। सेना की तरफ से तत्काल 90 हजार का चेक उनकी पत्नी बबीता को दिया गया। जहां पूरा देश शहीदों को सम्मान दे रहा है, वहीं रवि प्रकाश के शहीद होने पर उसे निजी एंबुलेंस से भेजा गया। प्रोटोकॉल के तहत जनपद का कोई अधिकारी मौजूद नहीं रहा, ना ही कोई जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने पहुंचा। शहीद को गार्ड आफ आनर भी देना मुनासिब नहीं समझा गया। यहीं नहीं शव ले आने वाले सैनिक सिविल ड्रेस में थे। सेना या भारत सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को भी इस शहीद के शहादत की कोई सूचना थी या नही यह भी वह बता पाने में असमर्थ रहै।यही वजह है कि लोग उनकी बातों पर गम्भीर नहीं थे। इससे लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। रवि प्रकाश अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था। पिता उदय नारायण सिंह सेना से सेवानिवृत्त हैं। बड़ा भाई राजेश सिंह  व्यवसाय करते हैं जबकि एक अन्य भाई राकेश कुमार सिंह सेना से सेवानिवृत्ति  के बाद गांव पर रहते हैं और खेतीबारी करते हैं। रवि प्रकाश अपने पीछे पत्नी बबीता, पुत्री जिया(10)और पुत्र अनमोल(7)को छोड़ गए हैं।



रिपोर्ट डॉक्टर विनय कुमार सिंह

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